नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली दंगों के आरोपी शरजील इमाम की उस याचिका को सुनने से इनकार कर दिया, जिसमें उसने आरोपी उमर खालिद की जमानत अर्जी खारिज करते हुए उसके ऊपर की गई टिप्पणी को हटाने की मांग की गई थी. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हाईकोर्ट ने अपने फैसले में लिखा है कि फैसले में की गई टिप्पणी का ट्रायल पर असर नहीं होगा. दिल्ली दंगों के आरोपी शरजील इमाम ने सुप्रीम कोर्ट में विशेष अनुमति याचिका दायर की थी.
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जिसमें उसने दिल्ली हाई कोर्ट के उस आदेश को चुनौती दी थी, जिसमें उसे 'मुख्य साजिशकर्ता' कहा गया है. शरजील ने इस आदेश पर अंतरिम रोक लगाने की मांग की थी. इस मामले में सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस संजय किशन कौल की अगुआई वाली बेंच शुक्रवार को सुनवाई हुई. इससे पहले HC ने दिल्ली दंगों के आरोपियों में शामिल उमर खालिद की जमानत अर्जी खारिज कर दी थी और बड़ी टिप्पणियां की थीं. अब हाईकोर्ट के आदेश से कुछ टिप्पणियों को हटवाने को लेकर शरजील इमाम ने सुप्रीम कोर्ट ने अर्जी दाखिल की थी.
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दिल्ली हाईकोर्ट ने दंगों की साजिश में शामिल होने को लेकर 18 अक्टूबर को दिए अपने आदेश में शरजील इमाम का जिक्र भी किया है. जबकि अब सुप्रीम कोर्ट में दाखिल अपनी विशेष अनुमति याचिका (SLP) में शरजील इमाम ने दलील दी थी कि वो तो उमर खालिद वाले उस मुकदमे में पक्षकार थे ही नहीं तो उस पर कोई टिप्पणी उचित नहीं है. लिहाजा, उसे आदेश से निकाला जाए. साथ ही उस आदेश पर एकतरफा रोक लगाई जाए, क्योंकि उमर खालिद की जमानत अर्जी के साथ उनकी जमानत अर्जी की सुनवाई हुई तो इसमें उनका क्या कुसूर? कोर्ट ने दोनों के मामले एक कैसे मान लिए?