नई दिल्ली :सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने सोमवार को मैरिटल रेप को अपराध घोषित करने की मांग वाली जनहित याचिका को खारिज कर दिया है. चीफ जस्टिस यूयू ललित और जस्टिस रवींद्र भट की पीठ ने कहा कि यह मुद्दा पहले से विचाराधीन है. पीठ ने जनहित याचिका को यह कहते हुए खारिज कर दिया कि वैवाहिक बलात्कार के मुद्दे पर दिल्ली उच्च न्यायालय के फैसले के खिलाफ दायर याचिकाएं 12 सितंबर को सूचीबद्ध हैं. इसलिए, इस मुद्दे पर एक जनहित याचिका अनावश्यक है.
सुनवाई के दौरान कहा गया कि याचिका में वैवाहिक बलात्कार के इतिहास का पता लगाया गया और कहा गया कि 1970 के दशक तक अधिकांश देशों ने पति को अपनी पत्नी के साथ यौन संबंध बनाने का अधिकार दिया. वहीं बलात्कार विरोधी आंदोलनों के परिणामस्वरूप 150 से अधिक देशों में वैवाहिक बलात्कार का अपराधीकरण हुआ. हालांकि, भारत दुनिया के 200 देशों में से 36 देशों में से एक है जहां वैवाहिक बलात्कार अभी भी कानूनी है.