नई दिल्ली: उच्चतम न्यायालय ने अब ख़त्म हो चुकी दिल्ली आबकारी नीति में कथित अनियमितताओं से संबंधित धन शोधन मामले में शराब व्यवसायी समीर महेंद्रू को दी गयी छह सप्ताह की अंतरिम जमानत को चुनौती देने वाली प्रवर्तन निदेशालय की याचिका पर सोमवार को विचार करने से इनकार कर दिया. न्यायमूर्ति संजीव खन्ना और न्यायमूर्ति बेला एम त्रिवेदी की पीठ ने ईडी की ओर से पेश अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल एस.वी. राजू से कहा कि वह दिल्ली उच्च न्यायालय के आदेश में हस्तक्षेप नहीं करेगी.
राजू ने कहा कि दिल्ली उच्च न्यायालय का आदेश 'चौंकाने वाला' और गलत तथ्यों पर आधारित है तथा इसे एक मिसाल के रूप में नहीं माना जा सकता. पीठ ने कहा, 'क्षमा करें, छह सप्ताह की जमानत के लिए हम हस्तक्षेप नहीं करेंगे. यह अवधि अगले 10-15 दिनों में अपने आप समाप्त हो जाएगी.' उच्च न्यायालय ने 12 जून को धन शोधन मामले में महेंद्रू को चिकित्सा आधार पर छह सप्ताह की अंतरिम जमानत दी थी.
उच्च न्यायालय ने पाया था कि आरोपी घातक बीमारियों से पीड़ित है, जिसके लिए तत्काल चिकित्सा सहायता और ऑपरेशन के बाद देखभाल की आवश्यकता है. इसमें कहा गया था कि प्रत्येक व्यक्ति को पर्याप्त और प्रभावी ढंग से इलाज पाने का अधिकार है. अंतरिम जमानत अवधि समाप्त होने के बाद, वह 25 जुलाई को शाम 5 बजे या उससे पहले सुनवाई अदालत के समक्ष आत्मसमर्पण करेंगे. अदालत ने कई शर्तें लगाई थीं, जिनमें यह भी शामिल था कि वह अस्पताल और अपने घर की सीमा नहीं छोड़ेंगे और देश भी नहीं छोड़ेंगे.