नई दिल्ली :प्रधान न्यायाधीश एन वी रमना (Chief Justice NV Ramana) की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा कि हम इस तरह के आदेशों की निंदा करते हैं. हमने देखा है कि इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने 90 दिनों के लिए संरक्षण देने का आदेश जारी किया है.
शीर्ष न्यायालय ने यह टिप्पणी दो महिलाओं की अपील पर सुनवाई करने के दौरान की, जो एक दहेज हत्या मामले में आरोपी हैं. दोनों महिलाओं ने इलाहाबाद उच्च न्यायालय के 12 जनवरी के उस आदेश को चुनौती दी है, जिसमें अग्रिम जमानत की उनकी याचिकाएं खारिज कर दी गई थीं. हालांकि, उच्च न्यायालय ने उत्तर प्रदेश पुलिस को उनके खिलाफ 90 दिनों तक कोई कठोर कार्रवाई करने से रोक दिया था और यह स्पष्ट किया था कि संरक्षण की अवधि समाप्त होने के बाद जांचकर्ता कोई कठोर कार्रवाई कर सकते हैं.
न्यायमूर्ति ए एस बोपन्ना और न्यायमूर्ति ऋषिकेश रॉय की सदस्यता वाली पीठ ने उत्तर प्रदेश के वाराणसी में दर्ज दहेज हत्या के मामले में लीलावती देवी उर्फ लीलावती और राधा देवी की अपील पर राज्य सरकार को नोटिस भी जारी किया तथा कठोर कार्रवाई से उनका संरक्षण चार हफ्तों के लिए बढ़ा दिया.