नई दिल्ली :उच्च न्यायालयों में रिक्त पदों को भरने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम के तहत प्रधान न्यायाधीश एनवी रमना की अध्यक्षता में सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने सोमवार को छह उच्च न्यायालयों में न्यायाधीश के रूप में 20 अधिवक्ताओं और 15 न्यायिक अधिकारियों की पदोन्नति के प्रस्ताव को मंजूरी देकर केंद्र से इसकी सिफारिश की. कॉलेजियम में न्यायाधीश उदय उमेश ललित और एएम खानविलकर भी शामिल हैं. उन्होंने पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय में न्यायाधीश के तौर पर अधिकतम 13 अधिवक्ताओं की पदोन्नति के प्रस्ताव को मंजूरी दी और इसके बाद तेलंगाना उच्च न्यायालय के लिए छह अधिवक्ताओं की पदोन्नति को मंजूरी दी गई.
सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने 25 जुलाई को हुई बैठक में 13 अधिवक्ताओं को पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय में न्यायाधीश के रूप में पदोन्नत करने के प्रस्ताव को मंजूरी दी है, जिनमें निधि गुप्ता, संजय वशिष्ठ, त्रिभुवन दहिया, नमित कुमार, हरकेश मनुजा, अमन चौधरी, नरेश सिंह, हर्ष बांगड़, जगमोहन बंसल, दीपक मनचंदा, आलोक जैन, हरप्रीत सिंह बराड़ और कुलदीप तिवारी शामिल हैं.
सुप्रीम कोर्ट की वेबसाइट पर अपलोड किए गए कॉलेजियम के प्रस्तावों के अनुसार, तेलंगाना उच्च न्यायालय में छह वकीलों के नाम की भी कॉलेजियम द्वारा सिफारिश की गई है. इसमें एनगुला वेंकट वेणुगोपाल, नागेश भीमापाका, पुला कार्तिक पी, एलमधर, काजा सरथ, जगन्नागरी श्रीनिवास राव, और नामवरपु राजेश्वर राव शामिल हैं. एक बयान में कहा गया है कि कॉलेजियम ने 25 जुलाई को महिला वकील सुमन पटनायक की भी उड़ीसा उच्च न्यायालय के न्यायाधीश के रूप में सिफारिश की.