नई दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट के न्यायमूर्ति एएम खानविलकर, न्यायमूर्ति हृषिकेश रॉय और न्यायमूर्ति सीटी रविकुमार की पीठ ने इस मामले में हस्तक्षेप करने से केरल उच्च न्यायालय के इनकार को चुनौती देने वाली एक याचिका पर सुनवाई की और स्थगन आदेश जारी किया.
कोर्ट ने पाया कि कि केरल में स्थिति खतरनाक है और यह देश के 70% से अधिक मामलों के लिए जिम्मेदार है. कोर्ट ने कहा कि कम उम्र के बच्चों को जोखिम में नहीं डाला जा सकता है. राज्य ने अदालत के समक्ष तर्क प्रस्तुत किया कि उसने एसएसएलसी और 12वीं कक्षा की परीक्षा सफलतापूर्वक आयोजित की है. जहां अप्रैल में 4 लाख से अधिक छात्र उपस्थित हुए थे.
इसने कहा कि राज्य ने सभी सुरक्षा उपाय किए हैं. कोर्ट हालांकि असंबद्ध रहा और उसने कहा कि उसे अप्रैल से स्थिति में बदलाव पर विचार करना चाहिए था. अदालत ने कहा कि हमें आश्वासन दें कि कोई भी छात्र प्रभावित नहीं होगा. ये कम उम्र के बच्चे हैं. यहां तक कि एक छात्र के लिए भी मामला दर्ज किया गया तो हम आपको दोषी ठहराएंगे. राज्य यह आश्वासन नहीं दे सका.