दिल्ली

delhi

ETV Bharat / bharat

Money laundering case: सुप्रीम कोर्ट में सेंथिल बालाजी की याचिका खारिज, भेजा जाएगा ईडी की हिरासत में

सुप्रीम कोर्ट ने मनी लॉन्ड्रिंग मामले में ईडी को तमिलनाडु के मंत्री सेंथिल बालाजी को हिरासत में लेने की अनुमति दी. कोर्ट ने उनकी याचिका को खारिज कर दिया है.

SC allows ED to take custody of TN minister Senthil Balaji against
सुप्रीम कोर्ट ने ईडी को तमिलनाडु के मंत्री सेंथिल बालाजी को हिरासत में लेने की अनुमति दी

By

Published : Aug 7, 2023, 11:52 AM IST

नई दिल्ली:सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को तमिलनाडु के मंत्री वी सेंथिल बालाजी की याचिका खारिज कर दिया. मनी लॉन्ड्रिंग मामले में बालाजी ने मद्रास उच्च न्यायालय के आदेश को चुनौती दी थी. सुप्रीम कोर्ट ने मद्रास हाईकोर्ट के द्वारा उनके खिलाफ सुनाई गई गिरफ्तारी के आदेश को बरकरार रखा. बालाजी को 12 अगस्त तक प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की हिरासत में भेजा जाएगा.

न्यायमूर्ति ए एस बोपन्ना और न्यायमूर्ति एम एम सुंदरेश की पीठ ने बालाजी और उनकी पत्नी मेगाला द्वारा मद्रास उच्च न्यायालय के उस फैसले को चुनौती देने वाली याचिका खारिज कर दी, जिसमें बालाजी को ईडी की हिरासत में लेने की अनुमति दी गई थी. प्रवर्तन निदेशालय ने तर्क दिया था कि सबूत इकट्ठा करने और बयानों की पुष्टि सुनिश्चित करने के लिए उसके पास आरोपी मंत्री को गिरफ्तार करने और हिरासत में पूछताछ करने की आवश्यक शक्ति है. मंत्री का प्रतिनिधित्व कर रहे वरिष्ठ वकील मुकुल रोहतगी ने तर्क दिया था कि ईडी के पास धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के तहत किसी आरोपी से हिरासत में पूछताछ करने का कोई निहित अधिकार नहीं है.

मेगाला की याचिका में मद्रास उच्च न्यायालय के 14 जुलाई और 4 जुलाई के आदेशों की वैधता को चुनौती दी गई थी, जिसमें उनकी बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका को सुनवाई योग्य नहीं बताते हुए खारिज कर दिया गया था. 14 जुलाई को एकल न्यायाधीश पीठ ने खंडपीठ के एक न्यायाधीश के विचार से सहमति जताते हुए ईडी को उसे हिरासत में लेने की अनुमति दी थी.

याचिका में कहा गया, 'एक पुलिस अधिकारी के रूप में नहीं होने के नाते, ऐसा कोई कानून नहीं है जो ईडी को आरोपी की हिरासत मांगने की शक्ति प्रदान करता हो. पीएमएलए में ऐसा कोई प्रावधान नहीं है जो ईडी को पुलिस की तरह किसी आरोपी को गिरफ्तारी के बाद सीआरपीसी की धारा 167 के तहत मजिस्ट्रेट के समक्ष पेश कर रिमांड की मांग करता है.

ये भी पढ़ें- मंत्री सेंथिल बालाजी की SC में दलील : 'पुलिस अफसर नहीं हैं ईडी के अधिकारी, गिरफ्तार नहीं कर सकते'

वकील अमित आनंद तिवारी के माध्यम से दायर याचिका में तर्क दिया गया कि उच्च न्यायालय ने यह मानकर गलती की कि ईडी को पीएमएलए (धन शोधन निवारण अधिनियम) की धारा 19 के तहत गिरफ्तारी के बाद आगे की जांच करने का अधिकार है और फिर आगे की जांच के लिए हिरासत की मांग करना स्वीकार्य है.

ABOUT THE AUTHOR

...view details