अमरावती :सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने फाइबरनेट घोटाले में आंध्र प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू (Former Chief Minister Chandrababu Naidu) के द्वारा दायर की गई अग्रिम जमानत याचिका पर सुनवाई स्थगित कर दी. साथ ही कोर्ट ने चंद्रबाबू नायडू को आश्वासन देकर अस्थायी राहत प्रदान की कि प्रोडक्शन वारंट जारी होने के बाद भी उन्हें राज्य अपराध जांच विभाग के द्वारा गिरफ्तार नहीं किया जाएगा.
इस संबंध में जस्टिस अनिरुद्ध बोस और जस्टिस बेला एम त्रिवेदी की पीठ नेआंध्र प्रदेश उच्च न्यायालय द्वारा अग्रिम जमानत देने से पहले इनकार करने को चुनौती देने वाली नायडू की विशेष अनुमति याचिका पर विचार करते हुए कार्यवाही की अध्यक्षता की. कोर्ट ने पिछली सुनवाई के दौरान न केवल एक नोटिस जारी किया बल्कि नायडू की आसन्न गिरफ्तारी की संभावना की चिंता जताए जाने के बाद आंध्र प्रदेश पुलिस को कोई भी कार्रवाई करने से परहेड करने का निर्देश दिया.
वहीं वरिष्ठ अधिवक्ता सिद्धार्थ लूथरा ने इस बात पर प्रकाश डाला कि 16 अक्टूबर को फाइबरनेट मामले के संबंध में नायडू को पेश करने के लिए वारंट जारी किया गया था. उन्होंने कहा कि कौशल विकास घोटाला मामले में प्रारंभिक गिरफ्तारी के बाद नायडू कानूनी परेशानियों के चक्र में फंसते दिख रहे थे.
अदालत के अनुरोध के बाद अपराध जांच विभाग का प्रतिनिधित्व कर रहे वरिष्ठ अधिवक्ता मुकुल रोहतगी ने आश्वासन दिया कि नायडू को बुधवार, 18 अक्टूबर तक गिरफ्तार नहीं किया जाएगा. हालांकि, समय की कमी के कारण सुनवाई स्थगित कर दी गई और इस व्यवस्था को शुक्रवार 20 अक्टूबर तक के लिए बढ़ा दिया गया. फाइबरनेट घोटाला मामले के अलावा सुप्रीम कोर्ट कौशल विकास घोटाला मामले में दायर प्रथम सूचना रिपोर्ट (एफआईआर) को रद्द करने की मांग करने वाली नायडू की याचिका पर भी सुनवाई कर रहा है.