नई दिल्लीः माफिया और सपा के पूर्व सांसद अतीक अहमद ने उमेश पाल हत्याकांड के बाद सुप्रीम कोर्ट में सुरक्षा का अनुरोध करते हुए याचिका दाखिल की थी. शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट में इस याचिका पर सुनवाई स्थगित कर दी गई. याचिका में जेल में बंद गैंगस्टर अतीक अहमद ने दावा किया है कि उसे और उसके परिवार को प्रयागराज के उमेश पाल की हत्या के मामले में आरोपी के रूप में फंसाया जा रहा है.
न्यायमूर्ति अजय रस्तोगी और न्यायमूर्ति बेला एम त्रिवेदी की पीठ ने अतीक अहमद के अधिवक्ता द्वारा बयानों के कुछ अतिरिक्त दस्तावेज दाखिल करने के लिए समय मांगे जाने पर मामले की सुनवाई स्थगित कर दी. पीठ ने कहा, कि ‘‘प्रधान न्यायाधीश के समक्ष आवेदक के अधिवक्ता द्वारा तत्काल उल्लेख किए जाने के बाद मामले को सूचीबद्ध किया गया था. आज जब मामला सुनवाई के लिए आया है, तो अधिवक्ता ने दलील रखने में असमर्थता जताई. इसलिए मामले को एक सप्ताह बाद सूचीबद्ध करें.’’
फिलहाल गुजरात के अहमदाबाद स्थित केंद्रीय कारागार में बंद अतीक अहमद ने अपनी याचिका में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के विधानसभा में दिए गए उस बयान का जिक्र किया है, जिसमें कथित तौर पर उन्हें ‘मिट्टी में मिला देने’ का दावा किया गया था. इस आधार पर अतीक अहमद ने कहा कि उन्हें और उनके परिवार के सदस्यों के जीवन को ‘वास्तविक और प्रत्यक्ष खतरा’ है.