नई दिल्ली :कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस सहित विपक्षी दलों ने अर्थव्यवस्था, महंगाई, बेरोजगारी के मुद्दे पर लोक सभा में सरकार को घेरते हुए कहा कि अर्थव्यवस्था अवरोधों से जूझ रही है, हर जगह संकट की स्थिति है और सरकार अवास्तविक लक्ष्यों के लिए आंकड़े बढ़ा-चढ़ाकर पेश कर रही है. विपक्ष ने आरोप लगाया कि सरकार एअर इंडिया सहित कई सरकारी कंपनियों को बेच रही है जो जन सरोकारों के विपरीत है.
गौरतलब है कि सप्लीमेंट्री डिमांड फॉर ग्रांट के दस्तावेज के अनुसार, उर्वरक सब्सिडी के तहत घरेलू एवं आयातित फॉस्फेट और पोटाश संबंधी उर्वरक के लिये 43,430 करोड़ रुपये और यूरिया सब्सिडी योजना के तहत 15 हजार करोड़ रुपये दिया जायेगा. खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण विभाग को खाद्य भंडारण एवं गोदाम संबंधी विभिन्न योजना के खर्च को पूरा करने के लिये अतिरिक्त 49,805 करोड़ रुपये दिये जाएंगे.
वाणिज्य विभाग को सब्सिडी संबंधी व्यय को पूरा करने के लिये 2,400 करोड़ रुपये दिये जाएंगे. इसके अलावा रक्षा एवं गृह मंत्रालय के अतिरिक्त खर्च को पूरा करने के लिये क्रमश: 5,000 करोड़ रुपये और 4,000 करोड़ रुपये दिये जाएंगे.
मंगलवार को लोक सभा में पूरक अनुदान मांगों के दूसरे बैच पर चर्चा के दौरान विपक्ष की ओर से सरकार पर उक्त आरोप लगाए गए. दूसरी ओर भारतीय जानता पार्टी (भाजपा) ने विपक्ष के आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि कोरोना महामारी के काल में जहां अमेरिका, यूरोप सहित विकसित देशों का स्वास्थ्य ढांचा, अर्थव्यवस्था अब भी प्रभावित है, वहीं भारत में इन दोनों क्षेत्रों में स्थिति बेहतर हुई है.
भाजपा ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई वाली सरकार ने अर्थव्यवस्था, किसानों, लघु एवं मध्यम उद्यमों सहित गरीबों के कल्याण के लिये सतत प्रयास किया है और इस अनुपूरक मांग में इसका स्पष्ट उल्लेख है.
निचले सदन में 2021-22 की पूरक अनुदान मांगों के दूसरे बैच पर चर्चा की शुरुआत करते हुए हुए कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने कहा कि नोटबंदी और अब कोरोना वायरस महामारी की वजह से हमारे देश की अर्थव्यवस्था अवरोधों से जूझ रही है और हर जगह संकट की स्थिति है.
उन्होंने दावा किया कि ऐसे में सरकार अवास्तविक लक्ष्यों के लिए आंकड़े बढ़ा-चढ़ाकर पेश कर रही है और वित्त मंत्री द्वारा प्रस्तुत लंबी-चौड़ी अनुदान की अनुपूरक मांगें इस बात का प्रमाण हैं. उन्होंने कहा कि सरकार को पारदर्शी आंकड़े और वास्तविक लक्ष्य रखने चाहिए.
उन्होंने कहा कि सरकार विनिवेश के लक्ष्यों को भी प्राप्त करने में विफल रही है. थरूर ने कहा कि एअर इंडिया के निजीकरण के बाद देश के करदाताओं पर बोझ पड़ेगा और लंबे समय तक इसकी परेशानियां झेलनी पड़ेंगी.
कांग्रेस सदस्य ने कहा कि महामारी से ग्रामीण इलाकों पर भी प्रभाव पड़ा है और ऐसे में अनुपूरक मांगों में मनरेगा के लिए 22,039 करोड़ रुपये की मांग अपर्याप्त है.
थरूर ने दावा किया कि वित्त मंत्री ने इस साल बजट में रक्षा क्षेत्र पर कुछ नहीं कहा था और अनुपूरक मांगों में भी रक्षा क्षेत्र के लिए कोई धन की अनुमति नहीं मांगी गयी है. उन्होंने कृषि क्षेत्र को भी नजरंदाज करने का आरोप लगाया.