शिमला: हिमाचल में कांग्रेस सरकार बनते ही लाहौल स्पिति को कुल्लू जिले से जोड़ने वाली रोहतांग अटल टनल की पट्टिका के गायब होने का मामला फिर उठ गया है. अटल टनल का शिलान्यास जून 2010 में बतौर राष्ट्रीय सलाहकार परिषद की तत्कालीन अध्यक्ष सोनिया गांधी द्वारा किया गया था. हालांकि उस समय राज्य में धूमल सरकार भी थी. लेकिन केंद्र में यूपीए सरकार थी. हालांकि इस टनल का केंद्र की मोदी सरकार के समय में पूरा हुआ है. प्रधानमंत्री मोदी ने ही इस टनल का उद्घाटन किया था. मगर टनल से शिलान्यास की पट्टिका गायब थी. कांग्रेस ने तब भी इस मुद्दे को जोरों शोरों से उठाया था, लेकिन अब जबकि हिमाचल में कांग्रेस सत्ता में आई है, तो मौजूदा कांग्रेस सरकार ने इस मसले को संबंधित अधिकारियों के समक्ष उठाने का फैसला लिया है.
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि राज्य सरकार सोनिया गांधी द्वारा रखी गई अटल टनल रोहतांग की आधारशिला पट्टिका को पुनर्स्थापित करने का मामला संबंधित प्राधिकारी के समक्ष रखा जाएगा. यह पट्टिका सोनिया गांधी द्वारा 28 जून, 2010 को बतौर राष्ट्रीय सलाहकार परिषद के अध्यक्ष के रूप में स्थापित की गई थी.
शिलान्यास पट्टिका गायब करवाना लोकतंत्र का अपमान:मुख्यमंत्री ने कहा कि यह शिलान्यास पट्टिका गायब है जो लोकतंत्र का अपमान है और इसे शीघ्र पुनर्स्थापित किया जाना चाहिए. उन्होंने कहा कि जिला लाहौल-स्पीति को बारहमासी संपर्क सुविधा बहाल रखने के दृष्टिगत इस 9.02 किलोमीटर लंबी सुरंग का निर्माण सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) द्वारा किया गया था.
2020 में पीएम मोदी ने किया था उद्घाटन:लाहौल स्पीति से विधायक रवि ठाकुर ने कहा कि 2 जून 2010 को तत्कालीन मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल व केंद्रीय मंत्री वीरभद्र सिंह की मौजूदगी में यूपीए अध्यक्ष सोनिया गांधी ने धुंधी में रोहतांग टनल की आधारशिला रखी थी. जब 3 अक्टूबर 2020 को अटल टनल रोहतांग का उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया तो सोनिया गांधी की शिलान्यास पट्टिका को वहां स्थापित नहीं किया गया था.