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Himachal Disaster: 330 की मौत, 12 हजार घर ध्वस्त, दस हजार करोड़ का नुकसान, सुखविंदर सरकार ने हिमाचल को घोषित किया 'प्राकृतिक आपदा प्रभावित क्षेत्र'

सुखविंदर सरकार ने हिमाचल को घोषित किया 'प्राकृतिक आपदा प्रभावित क्षेत्र' घोषित कर दिया है. इसको लेकर नोटिफिकेशन भी जारी कर दिया गया है. बता दें कि हिमाचल में आई बाढ़ और भारी बारिश से 330 लोगों की मौत, जबकि 12 हजार घर ध्वस्त हो गए. वहीं, राज्य में अभी तक दस हजार करोड़ का नुकसान का अनुमान है. (Himachal declared natural calamity affected area).

Himachal declared natural calamity affected area
हिमाचल प्रदेश

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Published : Aug 18, 2023, 7:54 PM IST

शिमला: केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने बेशक हिमाचल प्रदेश में आई भयावह आपदा को राष्ट्रीय आपदा डिक्लेयर न किया हो, लेकिन राज्य सरकार ने शुक्रवार को अधिसूचना जारी कर हिमाचल को 'प्राकृतिक आपदा प्रभावित क्षेत्र' घोषित कर दिया है. इस संदर्भ में देर शाम अधिसूचना जारी कर दी गई. मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा मानसून सीजन में भारी बारिश के कारण अब तक हिमाचल में 330 लोगों की मौत हो चुकी है. प्रदेश में विभिन्न स्थानों पर 12 हजार घर ध्वस्त हो गए हैं. राज्य को दस हजार करोड़ रुपए से अधिक का नुकसान हो चुका है.

सीएम सुक्खू ने कहा हिमाचल में आई आपदा को राष्ट्रीय आपदा घोषित करने की जरूरत है. केंद्र सरकार से इस बारे में आग्रह भी किया गया है, लेकिन अभी तक कोई ठोस आश्वासन नहीं मिला है. ऐसे में राज्य सरकार ने अपने स्तर पर हिमाचल को 'प्राकृतिक आपदा प्रभावित क्षेत्र' घोषित किया है. इस बारे में सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू ने बीते कल अफसरों के साथ मीटिंग भी की थी. यदि हिमाचल की आपदा को राष्ट्रीय आपदा केंद्र घोषित कर देता है तो मुआवजा राशि आसानी से मिल सकेगी. मुआवजा राशि भी बढ़ी हुई मिलेगी. साथ ही बचाव व पुनर्वास कार्य तेजी से हो सकेंगे.

सीएम ने कहा कि हिमाचल में भारी बारिश, बादल फटने और भूस्खलन की घटनाओं से जान-माल का अप्रत्याशित नुकसान हुआ है. राज्य में पेयजल, विद्युत आपूर्ति व्यवस्था व सडक़ों सहित अन्य संसाधनों को भी भारी क्षति पहुंची है. अभी तक राज्य में 12 हजार से अधिक घर क्षतिग्रस्त हुए हैं और 330 लोगों की जान चली गई हैं. प्रदेश में अभी तक 10 हजार करोड़ रुपये से भी अधिक का नुकसान आंका गया है.

हिमाचल प्रदेश आपदा प्रभावित क्षेत्र घोषित

मुख्यमंत्री ने कहा प्रदेश में कृषि और बागवानी को भी भारी नुकसान हुआ है. राज्य में संचार व्यवस्था पर भी प्रतिकूल प्रभाव पड़ा है. भारी बारिश के कारण राज्य में जन-जीवन अस्त-व्यस्त हुआ है. प्रदेश के कई क्षेत्रों में लोगों को राहत शिविरों में शरण लेनी पड़ी है. भूस्खलन के खतरे को देखते हुए बहुत से लोगों को उनके घरों से सुरक्षित निकालकर दूसरे स्थानों पर पहुंचाया गया है. अकेले शिमला में ही भूस्खलन की आशंका के कारण 60 घर खाली करवाए गए हैं. कुल 150 परिवार बेघर हुए हैं और उन्हें अन्यत्र शरण लेनी पड़ी है.

उन्होंने कहा कि मौसम के अनुकूल होने पर सभी जिलों और विभागों द्वारा सपंत्ति, पशुधन, आधारभूत संरचना और अन्य नुकसान का आकलन कर रिपोर्ट प्रदेश सरकार के समक्ष प्रस्तुत की जाएगी. सीएम ने केंद्र सरकार से भी अपील की है कि वो दिल खोलकर सहायता प्रदान करे.

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