शिमला: केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने बेशक हिमाचल प्रदेश में आई भयावह आपदा को राष्ट्रीय आपदा डिक्लेयर न किया हो, लेकिन राज्य सरकार ने शुक्रवार को अधिसूचना जारी कर हिमाचल को 'प्राकृतिक आपदा प्रभावित क्षेत्र' घोषित कर दिया है. इस संदर्भ में देर शाम अधिसूचना जारी कर दी गई. मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा मानसून सीजन में भारी बारिश के कारण अब तक हिमाचल में 330 लोगों की मौत हो चुकी है. प्रदेश में विभिन्न स्थानों पर 12 हजार घर ध्वस्त हो गए हैं. राज्य को दस हजार करोड़ रुपए से अधिक का नुकसान हो चुका है.
सीएम सुक्खू ने कहा हिमाचल में आई आपदा को राष्ट्रीय आपदा घोषित करने की जरूरत है. केंद्र सरकार से इस बारे में आग्रह भी किया गया है, लेकिन अभी तक कोई ठोस आश्वासन नहीं मिला है. ऐसे में राज्य सरकार ने अपने स्तर पर हिमाचल को 'प्राकृतिक आपदा प्रभावित क्षेत्र' घोषित किया है. इस बारे में सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू ने बीते कल अफसरों के साथ मीटिंग भी की थी. यदि हिमाचल की आपदा को राष्ट्रीय आपदा केंद्र घोषित कर देता है तो मुआवजा राशि आसानी से मिल सकेगी. मुआवजा राशि भी बढ़ी हुई मिलेगी. साथ ही बचाव व पुनर्वास कार्य तेजी से हो सकेंगे.
सीएम ने कहा कि हिमाचल में भारी बारिश, बादल फटने और भूस्खलन की घटनाओं से जान-माल का अप्रत्याशित नुकसान हुआ है. राज्य में पेयजल, विद्युत आपूर्ति व्यवस्था व सडक़ों सहित अन्य संसाधनों को भी भारी क्षति पहुंची है. अभी तक राज्य में 12 हजार से अधिक घर क्षतिग्रस्त हुए हैं और 330 लोगों की जान चली गई हैं. प्रदेश में अभी तक 10 हजार करोड़ रुपये से भी अधिक का नुकसान आंका गया है.