नई दिल्ली : भारत में वर्ष 2020 में आत्महत्या (suicides) के 1,53,052 मामले यानी रोजाना औसतन 418 मामले दर्ज किए गए, इनमें से 10,677 मामले कृषि क्षेत्र से जुड़े लोगों के हैं. केंद्र सरकार के ताजा आंकड़ों में यह जानकारी दी गई है.
राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (NCRB) ने अपनी एक वार्षिक रिपोर्ट में बताया कि 2020 में 2019 की तुलना में आत्महत्या के मामलों में बढ़ोतरी हुई है. वर्ष 2019 में इनकी संख्या 1,39,123 थी. केंद्रीय गृह मंत्रालय के तहत काम करने वाले एनसीआरबी ने बताया कि (प्रति लाख जनसंख्या) आत्महत्या दर में भी बढ़ोतरी हुई है. यह 2019 में 10.4 थी, लेकिन पिछले साल यह 11.3 रही.
रिपोर्ट में कहा गया है कि वर्ष 2020 के दौरान कृषि क्षेत्र के 10,677 लोगों (5,579 किसानों और 5,098 कृषि मजदूरों) ने आत्महत्या की, जो देश में आत्महत्या करने वालों (1,53,052) का सात प्रतिशत है.
रिपोर्ट के अनुसार 5,579 किसान आत्महत्या मामलों में से कुल 5,335 पुरुष और 244 महिलाएं थीं. इसमें कहा गया है कि 2020 के दौरान खेतिहर मजदूरों द्वारा की गई 5,098 आत्महत्याओं में से 4,621 पुरुष और 477 महिलाएं थीं.
महाराष्ट्र में सबसे ज्यादा मामले
आत्महत्या के सर्वाधिक मामले महाराष्ट्र में सामने आए. महाराष्ट्र में कुल 19,909 मामले दर्ज किए गए जो कुल मामलों का 13 प्रतिशत हैं. उसके बाद तमिलनाडु में 16,883, मध्य प्रदेश में 14,578, पश्चिम बंगाल में 13,103 और कर्नाटक में 12,259 मामले दर्ज किए गए. तमिलनाडु में देशभर में आत्महत्या के कुल मामलों के 11 प्रतिशत, मध्य प्रदेश में 9.5 प्रतिशत, पश्चिम बंगाल में 8.6 प्रतिशत और कर्नाटक में आठ प्रतिशत मामले दर्ज किए गए.
एनसीआरबी ने बताया कि इन पांच राज्यों के आंकड़ों को यदि मिला दिया जाए तो ये देशभर में दर्ज किए गए आत्महत्या के कुल मामलों के 50.1 प्रतिशत मामले हैं, जबकि बाकी 49.9 प्रतिशत मामले शेष 23 राज्यों एवं आठ केंद्रशासित प्रदेशों मे दर्ज किए गए.