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छात्रा के सुसाइड नोट में आरोपी पुलिस अधिकारी को थाना प्रभारी पद से हटाया गया

केरल में कानून की पढ़ाई करने वाली 21 वर्षीय छात्रा द्वारा आत्महत्या करने के एक दिन बाद उस पुलिस अधिकारी को बुधवार को थाना प्रभारी के पद से हटा (Removed from the post of station in-charge) दिया गया जिसका नाम उसने सुसाइड नोट (Whose name the deceased gave suicide note) में लिखा था.

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Published : Nov 24, 2021, 9:14 PM IST

Updated : Nov 24, 2021, 10:08 PM IST

कोच्चि :छात्रा के सुसाइड नोट (Student suicide note) में आरोपी पुलिस अधिकारी को थाना प्रभारी पद से हटा दिया गया है. उक्त पुलिस अधिकारी को राज्य पुलिस प्रमुख के सामने पेश (Presented before the state police chief) होने का निर्देश दिया गया है.

छात्रा ने अपने सुसाइड नोट में आत्मघाती कदम उठाने के पीछे अपने पति, ससुराल वालों और पुलिस थाना प्रभारी को जिम्मेदार ठहराया था. आरोपी पुलिस अधिकारी सीएल सुधीर का नाम सामने आने के बाद उन्हें थाना प्रभारी के रूप में बरकरार रखने पर केरल सरकार को आलोचना का सामना करना पड़ा. जिसके बाद पुलिस प्रमुख अनिल कांत (Police Chief Anil Kant) ने सुधीर को पद से हटा दिया.

इसके साथ ही पुलिस ने मृतका के पति और सास ससुर को भी गिरफ्तार किया है. पुलिस ने बताया कि इन तीनों पर दहेज के लिए परेशान करना, दहेज हत्या, आत्महत्या के लिए उकसाना समेत अन्य धाराओं में मामला दर्ज किया गया है.

बुधवार को कांग्रेस सांसद बेनी बेहनन (Congress MP Benny Behanan) और अलुवा से विधायक अनवर सादात (MLA from Aluva Anwar Sadat) ने थाना प्रभारी के विरुद्ध कार्रवाई की मांग को लेकर पुलिस थाने के बाहर विरोध प्रदर्शन किया. मोफिया परवीन (Student Mofia Parveen) तीसरे वर्ष की कानून की पढ़ाई कर रही थी और उसने सुसाइड नोट में आरोप लगाया था.

उसने आरोप लगाया कि जब वह अपने ससुराल पक्ष के विरुद्ध मारपीट और दहेज उत्पीड़न (Beating and dowry harassment against in-laws) की अपनी शिकायत के संबंध में बयान दर्ज कराने अपने पिता के साथ पुलिस थाने गई तब उक्त पुलिस अधिकारी ने उसके साथ गलत व्यवहार किया.

विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष वीडी सतीशन ने संवाददाताओं से कहा कि सरकार पुलिस अधिकारी के विरुद्ध कोई कार्रवाई इसलिए नहीं कर रही है क्योंकि वह पार्टी से जुड़ा हुआ है. इस बीच एक अन्य महिला सामने आई और उसने उक्त पुलिस अधिकारी के विरुद्ध अनुचित व्यवहार का आरोप लगाया.

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महिला ने एक समाचार चैनल को बताया कि पुलिस थाने में 18 घंटे तक इंतजार करने के बावजूद पुलिस अधिकारी ने उसकी दहेज उत्पीड़न की शिकायत (Dowry harassment complaint) नहीं सुनी और उसे अपशब्द कहे.

Last Updated : Nov 24, 2021, 10:08 PM IST

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