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पीलीभीत में तीन लोगों की मौत का मामला, सुसाइड नोट में दावा-आत्मा ने उकसाया

पीलीभीत में एक ही परिवार के तीन लोगों के मौत मामले में सुसाइड नोट मिला है. वहीं, पुलिस का कहना है कि मामले की जांच की जा रही है.

पीलीभीत में तीन लोगों की मौत का मामला
पीलीभीत में तीन लोगों की मौत का मामला

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Published : Dec 1, 2022, 8:31 PM IST

पीलीभीत:जनपद में एक ही परिवार के तीन लोगों की मौत के मामले में अब पुलिस को घटनास्थल से 4 पन्नों का एक सुसाइड नोट बरामद हुआ है. यह कथित सुसाइड नोट आत्मा के हवाले से लिखा गया है. जिसकी पुलिस गहनता से जांच कर रही है.

जानकारी देते पुलिस अधीक्षक दिनेश पी.

दरअसल, बुधवार को जिले के दियोरिया थाना क्षेत्र के रम्बोझा गांव के रहने वाले बालक राम का शव उनके ही घर में फांसी के फंदे पर लटकता मिला था. जबकि उनके 11 वर्षीय बेटे नेहाल और 15 वर्षीय बेटी शालिनी का शव चारपाई पर पड़ा था. घटना की जानकारी मिलने के बाद मौके पर पहुंची पुलिस ने शवों को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया था. रिपोर्ट में मृतक पिता की हैंगिंग और बच्चों की गला दबाकर हत्या की पुष्टि हुई है. लेकिन परिवार के लोगों ने प्रारंभिक पूछताछ में पुलिस के सामने भूत प्रेत की बात कही है. वहीं, अब पुलिस को घटनास्थल से 4 पन्नों का सुसाइड नोट बरामद हुआ है. यह सुसाइड नोट कथित आत्मा के हवाले से लिखे जाने की बात सामने आ रही है.

सुसाइड नोट पेज 1.

वहीं, मृतक के बेटे शिवम ने बताया कि उसके पिता बालकराम के ऊपर उसके सौतेले दादा सियाराम का साया आता था तो बहन के ऊपर ताई राजेश्वरी का भूत आने का दावा किया है. फिलहाल पुलिस अधीक्षक दिनेश पी. का कहना है कि पूरे मामले में गहनता से जांच के लिए सीओ बीसलपुर मनोज कुमार को जांच दी गई है.

सुसाइड नोट पेज 2.

पढ़िए सुसाइड नो में क्या लिखा है?
सुसाइड नोट के सबसे ऊपर लिखा है 'आत्मा का सत्य वचन'. पेज एक पर लिखा है 'मैं जो आज बालकराम से लिखवा रही हूं वह सत्य है और इनको इसका कोई ध्यान नहीं है. अब मैं पूरी कहानी बताने जा रही हूं, क्योंकि मेरा बदला पूरा होने वाला है. यह कहानी तब की है, जब मैं जिंदा थी, एक दिन शालिनी (मृतक बालकराम की बेटी. जिसे गला दबाकर मारा गया.) की मम्मी मेरे पास बैठी थी. तभी शालिनी अपनी मम्मी को बुलाने आई तो हमने कहा कि तू अभी जा यह बाद में आ जाएगी.लेकिन वह नहीं मानी.

सुसाइड नोट पेज 3.

वह अपनी मम्मी को अपने साथ ले गई. तभी से मैं इस लड़की से नाराज हूं. मैंने मरने के बाद इनको परेशान करना शुरू किया. कई बार मारने की भी कोशिश की, लेकिन यह लोग हमेशा बच जाते. इस काम में सियाराम (मृतक बालकराम की मां का सौतेला पति) भी मेरा साथ दे रहा है. मेरे ही कारण इन्हें अपना पुश्तैनी मकान बेचना पड़ा. मैं वहीं रहती हूं. मेरे ही कारण इनके घर में कलह होती थी. यह पूरी तरह से बर्बाद हो गया था. अब मेरा बदला पूरा हो गया है. अब अगर किसी ने इनके परिवार और बच्चों को दुख दिया तो उसे मैं चैन से नहीं रहने दूंगी. क्योंकि मेरा बदला पूरा हो चुका है. कानून किसी पर शक न करे. क्योंकि यह आत्मा का खेल है. कोई भी सबूत कहीं कुछ नहीं मिलेगा. कोई ऐसा कदम न उठाएं जिससे किसी का घर बर्बाद हो.'

सुसाइड नोट पेज 4.

सुसाइड नोट के पेज नंबर चार में अंत में लिखा है 'बदला पूरा हुआ.

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