धारवाड़ : ऑस्ट्रेलिया में अनिवासी भारतीय (एनआरआई) महिला प्रियदर्शनी पाटिल के आत्महत्या मामले पर जी-20 शिखर सम्मेलन में चर्चा करने की मांग की गई है. प्रियदर्शिनी का परिवार ऑस्ट्रेलिया के सिडनी में बस गया. कर्नाटक के धारवाड़ में 20 अगस्त को अनिवासी भारतीय महिला प्रियदर्शनी लिंगराज पाटिल (40) ने बेलगावी के सावदत्ती तालुक में नवीलुतीर्थ जलाशय में कूदकर आत्महत्या कर ली. आरोप है कि प्रियदर्शिनी ने भारत आकर इसलिए आत्महत्या कर ली क्योंकि उन्हें ऑस्ट्रेलियाई सरकार की कस्टडी में मौजूद बच्चे नहीं दिए गए.
सीपीएम नेता बृंदा करात ने इस मामले पर जी-20 शिखर सम्मेलन में चर्चा कराने की मांग की है. यह मामला अब एनआरआई बच्चों की सुरक्षा के लिए एक आंदोलन का कारण बन गया है. पश्चिमी देशों में बच्चों की हिरासत पर सख्त कानून हैं. इसके चलते एनआरआई के बच्चे अलग-अलग देशों में रहते हैं. दिल्ली में जंतर मंतर के पास उन बच्चों की सुरक्षा के लिए एक आंदोलन हुआ है जो संबंधित देश की सरकार की हिरासत में हैं.
इस आंदोलन का समर्थन करने वाली बृंदा करात ने एक वीडियो संदेश में कहा, 'प्रियदर्शिनी ने आत्महत्या कर ली क्योंकि ऑस्ट्रेलियाई प्रणाली ने उनके बच्चों को छीन लिया. उसकी मौत का सीधा संबंध ऑस्ट्रेलिया की असंवेदनशीलता और सांस्कृतिक रूप से पक्षपाती बाल सेवा प्रणालियों से है. न केवल ऑस्ट्रेलिया में बल्कि अन्य देशों में भी. कई पश्चिमी देश जो लोकतंत्र होने का दावा करते हैं, उनका लोकतंत्र उनकी अपनी औपनिवेशिक मानसिकता के अलावा कुछ और है.' उन्होंने कहा कि ऐसे मामले आयरलैंड, इंग्लैंड और अब ऑस्ट्रेलिया में हुए हैं. हमें जी20 शिखर सम्मेलन को एक अवसर के रूप में लेना चाहिए और ऐसे समय में सरकारों के साथ द्विपक्षीय वार्ता करनी चाहिए.