लखनऊ :बहुत मुश्किल है सबको छोड़ के जाना.. पर सबको अब और तंग नहीं कर सकता... माफ कर देना मुझे... खुश रहना सब लोग अलविदा सबको...मेरे मरने के बाद अगर कोई पैसे लेने के लिए आते हैं तो किसी को कुछ मत देना.... यह लिख कर राजधानी के गोमतीनगर के रहने वाले निजी क्षेत्र के एचडीएफसी में बैंक मैनेजर प्रशांत शर्मा (31) ने अपने ही घर में सुसाइड कर लिया. पुलिस की जांच में फिलहाल कई बैंक लोन होने और उसे चुका न पाने से परेशान होकर आत्मघाती कदम उठाए जाने की बात सामने आई है.
बैंक से लौटते ही अपने कमरे में किया सुसाइड : राजधानी में गोमतीनगर के विनयखंड-4 के रहने वाले प्रशांत कुमार शर्मा, हरदोई रोड स्थित एक निजी बैंक में मैनेजर थे. बुधवार को वे अपने ऑफिस से आए और सीधे अपने कमरे में चले गए. काफी देर तक प्रशांत के नीचे न आने पर उन्हें कॉल की गई, लेकिन जब कॉल नहीं उठी तो पिता विष्णु शर्मा बेटे को देखने फर्स्ट फ्लोर गए और दरवाजा अंदर से बंद होने पर खिड़की से झांक कर देखा तो प्रशांत की लाश पड़ी हुई थी. बेटे की लाश देखते ही पिता विष्णु बेसुध हो गए. इसी दौरान वहां प्रशांत की पत्नी वार्षिका और मां अरुणा भी वहां पहुंच गईं. प्रशांत की मृत देख घर में कोहराम मच गया.
अब और तंग नहीं कर सकता... अलविदा : प्रशांत की मौत की खबर गोमतीनगर पुलिस को दी गई. मौके पर पहुंची पुलिस ने दरवाजा तोड़ कर जांच की तो प्रशांत के बेड पर दो पन्नों का एक सुसाइड नोट बरामद हुआ. जिसमें प्रशांत ने अपने घरवालों को अपना आखिरी संदेश लिखा हुआ था. दो पन्नों के सुसाइड नोट में प्रशांत ने लिखा कि बहुत मुश्किल है सबको छोड़ के जाना, पर सबको अब और तंग नहीं कर सकता. माफ कर देना मुझे, खुश रहना सब लोग, अलविदा सबको. अब मेरे लिए और दुख सहना मुमकिन नहीं है...अपनी जिंदगी जियो मेरे जैसे इंसान के लिए अपना जीवन बर्बाद करने की जरूरत नहीं है, मैं इसके लायक नहीं हूं.
मौत को हार्ट अटैक बताना :बैंक मैनेजर ने सुसाइड नोट में लिखा है कि मेरी मौत को हार्ट अटैक बताना, जिससे इंश्योरेंस की रकम मिल जाएगी. बाकी जो मेरे लोन चल रहे हैं, उनको मेरे इंश्योरेंस की रकम से चुका देना. मेरे मरने के बाद अगर कोई पैसे लेने के लिए आते हैं तो किसी को कुछ मत देना. बैंक मैनेजर ने सुसाइड नोट में अपने बैंक खातों, एटीएम पिन और इंश्योरेंस की डिटेल भी लिखी है. यह भी लिखा है कि मेरे मरने के बाद अगर कोई पैसे लेने के लिए आते हैं तो किसी को कुछ मत देना. बाकी जो मेरे लोन चल रहे हैं, उनको मेरे इंश्योरेंस की रकम से चुका देना.