दिल्ली

delhi

ETV Bharat / bharat

MP News: देश की सुर्खियों में क्यों हैं 12वीं फेल IPS मनोज कुमार, मुश्किलों को मात देकर बदली अपनी किस्मत - आईपीएस मनोज शर्मा ग्वालियर के निवासी

12th Fail IPS Manoj: कड़ी मेहनत आपको एक न एक दिन सफलता जरूर दिलाती है. यह बात इन दिनों सुर्खियों में रहने वाले IPS मनोज शर्मा पर खूब जंच रही है. IPS मनोज शर्मा इस समय देश भर के लाखों युवाओं की मिसाल है. उन पर 12वीं फेल फिल्म भी आई है. ग्वालियर से संवाददाता अनिल गौर की रिपोर्ट में पढ़िए IPS मनोज के संघर्ष की कहानी...

MP News
12वीं फेल आईपीएस

By ETV Bharat Hindi Team

Published : Nov 2, 2023, 9:52 PM IST

Updated : Nov 3, 2023, 5:08 PM IST

आईपीएस मनोज शर्मा के दोस्त का बयान

ग्वालियर।कहते हैं कि जीवन में अपने लक्ष्य को निर्धारित कर जिसने संघर्ष किया, उसने इतिहास रच दिया. ऐसी ही कहानी इन दोनों सुर्खियों में छाए हुए आईपीएस मनोज कुमार शर्मा की है. IPS मनोज शर्मा इस समय देश भर के लाखों युवाओं की मिसाल है. उनके जीवन कि संघर्ष की कहानी को पढ़कर लाखों युवा अपने लक्ष्य को निर्धारित कर रहे हैं. आईपीएस मनोज शर्मा के जीवन पर आधारित "12th फेल" फिल्म आई है. यह फिल्म इन दिनों काफी चर्चाओं में है.

चंबल के बीहड़ इलाके से आने वाले कैसे एक लड़के ने अपने सपने को पूरा किया. वह जीवन में कई बार हारा, लेकिन उसने अपने संघर्ष के दम पर हार को ही हरा दिया और अपने सपने को पूरा किया. वर्तमान में आईपीएस मनोज कुमार शर्मा महाराष्ट्र केडर में एडिशनल कमिश्नर हैं. IPS मनोज शर्मा कौन हैं और इन दिनों पूरे देश भर में युवाओं की मिसाल क्यों बन चुके हैं...पढ़िए विस्तृत रिपोर्ट

कौन हैं आईपीएस मनोज कुमार:मध्यप्रदेश के मुरैना मुख्यालय से लगभग 20 किलोमीटर की दूरी पर एक गांव है. जिसे सभी लोग बिलगंवा चौधरी के नाम से जानते हैं. यह गांव भी अन्य गांव की तरह सामान्य हुआ करता था, लेकिन अब यह गांव पूरे देश और दुनिया में ट्रेंड कर रहा है. इसका कारण है आईपीएस मनोज कुमार शर्मा. इसी गांव में रहने वाले IPS मनोज कुमार शर्मा ने गरीबों की भट्टी में तपकर अपने जीवन में संघर्ष करके आईपीएस बनकर अपना मुकाम और मोहब्बत दोनों ही हासिल की.

मां के साथ मनोज शर्मा की तस्वीर

नकल नहीं कर पाए तो हो गए फेल:आईपीएस मनोज कुमार शर्मा ने ईटीवी भारत के संवाददाता अनिल गौर से फोन पर एक्सक्लूसिव बातचीत करते हुए बताया है कि "उनका जन्म सन 1977 में इसी छोटे से गांव में हुआ था. उनके पिता कृषि विभाग में कार्यरत थे. मुरैना जिले से लगभग 15 किलोमीटर दूर नेशनल हाईवे पर बसे इसी बिलगांव में मनोज कुमार शर्मा ने 9वीं और 10वीं की कक्षाएं पास की थी. फिर 11वीं के बाद 12वीं में वह जब पहुंचे तो हिंदी के अलावा सभी विषयों में फेल हो गए."

"इसका सबसे कारण यह था कि चंबल में हमेशा से बोर्ड परीक्षाओं में नकल होती है, इसलिए उनको भरोसा था कि नकल से वह पास हो जाएंगे, लेकिन परीक्षा के दौरान नकल नहीं चली और पूरा स्कूल ही फेल हो गया. उन्होंने बताया है कि सोशल मीडिया पर उनके बारे अलग-अलग तरह के विचार रखे जा रहे हैं."

पत्नी श्रद्धा के साथ मनोज शर्मा

दिल्ली के कोचिंग में हुई श्रद्धा से मुलाकात: अपने गांव में जब कक्षा 12वीं में फेल हो गए तो उसके बाद उनका पढ़ाई से मन उठने लगा. उन्होंने सोचा कि गांव में रहकर ही खेती करेंगे और अपना पालन पोषण करेंगे, लेकिन नियति को कुछ और ही मंजूर था. कक्षा 12वीं पास करने के बाद वह ग्वालियर आ गए और उसके बाद दिल्ली चले गए. जब मनोज शर्मा दिल्ली में यूपीएससी की तैयारी कर रहे थे, तो पहली बार कोचिंग में ही उनकी मुलाकात श्रद्धा (अब पत्नी) से हुई. कोचिंग में ही दोनों से मेल मुलाकात हुई.

मां के साथ मनोज और उनकी पत्नी

यहां पढ़ें...

श्रद्धा और मनोज का UPSC में हुआ सिलेक्शन:दोनों ने अपना नाम बताया और फिर आपस में बातचीत होती रही. उसी दौरान वह एक तरफा प्यार करने लगे. मनोज शर्मा की श्रद्धा से रोज मुलाकात होती थी और दिन में दोनों साथ में रहते थे, लेकिन शर्मीले होने के कारण वह प्यार का इजहार नहीं कर पा रहे थे. उन्हें डर था कि वह मना ना कर दे. एक दिन हिम्मत करके उन्होंने लड़की को प्रपोज किया और दोनों एक दूसरे से प्यार करने लगे. इसी दौरान दोनों का यूपीएससी में सिलेक्शन हो गया और उसके बाद में दोनों ने बीहड़ यानी गांव में शादी रचाई.

मनोज और श्रद्धा की तस्वीर

भिखारियों के साथ रात और रईसों के कुत्ते घुमाने का किया काम:आईपीएस मनोज शर्मा ने ईटीवी भारत से बातचीत में बताया कि "उनकी आर्थिक स्थिति ठीक नहीं थी. इसलिए जब वह अपनी पढ़ाई कर रहे थे, तो उन्होंने कई बार भिखारी के बीच में रात गुजारी. आईपीएस मनोज शर्मा बताते हैं कि वह दिल्ली में दिनभर लाइब्रेरी में पढ़ा करते थे. आर्थिक स्थिति ठीक ना होने के कारण उन्होंने दिल्ली में रहीशों के कुत्तों को घुमाने का भी काम किया है. इसके बदले उन्हें एक कुत्ते के ₹400 मिलते थे. लगातार संघर्ष करते-करते उन्होंने यह मुकाम हासिल किया है.

Last Updated : Nov 3, 2023, 5:08 PM IST

ABOUT THE AUTHOR

...view details