नई दिल्ली: राज्यसभा में बुधवार को सदन के नेता पीयूष गोयल ने कहा कि चन्द्रयान-3 की सफल 'सॉफ्ट लैंडिंग' ने दुनिया को यह संदेश दिया है कि भारत बड़ी से बड़ी चुनौतियों का मुकाबला कर सकता है. उच्च सदन में 'भारत की गौरवशाली अंतरिक्ष यात्रा चंद्रयान-3' की सफल सॉफ्ट लैंडिंग विषय पर अल्पकालिक चर्चा की शुरुआत करते हुए सदन के नेता गोयल ने भारत की अंतरिक्ष यात्रा में शामिल वैज्ञानिक समुदाय और भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) को बधाई दी और उसकी भावी योजनाओं के लिए शुभाकामनाएं दीं.
भारत ने 23 अगस्त को चंद्रमा की सतह पर चंद्रयान-3 के 'विक्रम लैंडर' की सॉफ्ट लैंडिंग के बाद इतिहास रच दिया था. भारत चंद्रमा की सतह पर पहुंचने वाला चौथा देश और इसके दक्षिणी ध्रुव पर पहुंचने वाला पहला देश बना. चंद्रयान-2 की असफलता का उल्लेख करते हुए गोयल ने कहा कि 'नकारात्मक सोच वालों' के लिए चंद्रयान-3 की सफलता एक सबक है. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने चंद्रयान-2 मिशन की असफलता के समय तत्कालीन इसरो प्रमुख डॉ. सिवन जिस प्रकार गले लगाया और वैज्ञानिकों को प्रोत्साहित किया वह दृश्य आज भी लोगों के मन में है.
उन्होंने कहा कि उसके बाद से मानो इसरो के वैज्ञानिकों ने चंद्रयान-3 को सफल बनाने की ठान ली और फिर वह दिन भी गया जब भारत ने इसे सफल कर दिखाया. गोयल ने कहा कि चंद्रयान-3 की सफलता से दुनिया भर में संदेश गया है कि भारत बड़ी-बड़ी चुनौतियों का मजबूती से मुकाबला कर सकता है. उन्होंने कहा कि पूरे सदन की ओर से वह इसरो के वैज्ञानिकों, खासकर महिला वैज्ञानिकों को बधाई देते हैं. उन्होंने कहा, 'महिला वैज्ञानिक भारत का गौरव बनी हैं.'