लखनऊः सुब्रत राय सहारा (Subrat Ray Sahara) का पार्थिव शरीर बुधवार शाम सहारा सिटी पहुंचने के बाद अंतिम दर्शन के लिए बड़ी संख्या में लोगों के पहुंचने का सिलसिला जारी रहा. गुरुवार को सहारा शहर से बैकुंठधाम के लिए सुब्रत राय की अंतिम यात्रा निकली. इस दौरान शव वाहन के साथ साथ सैकड़ों सहारा कार्यकर्ता पैदल चलते रहे. पार्थिव शरीर को मुखाग्नि पोता हिमांक देगा. सुब्रत राय के दोनों बेटे सुशांतो और सीमांतो विदेश में हैं. वे अंतिम संस्कार में भाग नहीं लेंगे. हिमांक सीमांतो का बेटा है और लंदन में पढ़ाई करता है. इससे पूर्व सहारा सिटी से अंतिम यात्रा रवाना होगी. इसमें परिजनों के अलावा कई वीआईपी और बड़ी संख्या में सहारा ग्रुप के अफसर व कर्मचारी भाग लेंगे.
सहारा सिटी में बुधवार शाम को जैसे ही सुब्रत राय सहारा का पार्थिव शरीर लाया गया कर्मचारियों की आंखें नम हो गईं. उनके अंतिम दर्शन के लिए लोगों का तांता लग गया. इस दौरान डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक, यूपी के पूर्व सीएम और समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव, सपा के वरिष्ठ नेता अरविंद सिंह गोप, अभिषेक मिश्रा, कांग्रेस नेता आराधना मिश्रा मोना, अनुग्रह नारायण सिंह, अम्मार रिज़वी अंतिम दर्शन को पहुंचे. इनके अलावा पूर्व सांसद नरेश अग्रवाल अपने बेटे मंत्री नितिन अग्रवाल के साथ सहारा शहर पहुंचे. इसके अलावा स्मिता ठाकरे और बॉलीवुड गायक सोनू निगम भी श्रद्धांजलि देने पहुंचे थे. वहीं, सहारा ग्रुप से जुड़े अफसर और कर्मचारी भी अंतिम दर्शन को पहुंचे थे.
गुरुवार दोपहर दो बजे उनका पार्थिव शरीर सहारा सिटी से भैंसाकुंड ले जाया जाएगा. अंतिम यात्रा में बड़ी संख्या में लोगों के भाग लेने की संभावना है. ऐसे में पुलिस ने भी सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए हैं. कई वीआईपी के आने की भी संभावना है. वहीं, कांग्रेस नेता प्रमोद तिवारी, राज्य सभा सांसद दिनेश शर्मा, लखनऊ मेयर सुषमा खर्कवाल, सपा विधायक रविदास मल्होत्रा, सपा नेता आशु मलिक सुब्रत रॉय अंतिम दर्शन करने पहुंचे. इसके अलावा मुंबई से सोनू निगम समेत कई फिल्मी व टेलीविजन कलाकार सहाराश्री को श्रद्धांजलि अर्पित करने पहुंचे.
इस मौके पर बीजेपी के राज्य सभा सांसद दिनेश शर्मा ने कहा कि सहाराश्री के निधन से लखनऊ ही नहीं पूरे भारत को हानि हुई है. उन्होंने कहा सुब्रत राय का लखनऊ से खास प्रेम और लगाव था. जब मैं लखनऊ का मेयर था तब उन्होंने लखनऊ के सौंदर्यीकरण के लिए कई कार्य किए थे. सभी शमशान घाटों का सौंदर्यीकरण कराया था. इतना ही नहीं लखनऊ समेत पूरे प्रदेश के लाखों युवाओं को उन्होंने रोजगार दिया, गरीब लड़कियों की शादी करवाई थी. उनके जाने से सभी को काफी नुकसान पहुंचा है.