नई दिल्ली: भारतीय जनता पार्टी के संसदीय बोर्ड में बुधवार को बड़े बदलाव के बाद अलग-अलग तरह के सवाल खड़े हो रहे हैं. संसदीय बोर्ड से नितिन गडकरी और शिवराज सिंह चौहान को बाहर कर दिया है. अब भाजपा के वरिष्ठ नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने ट्वीट करके भाजपा की पुरानी परंपरा को याद दिलाया, जब पार्टी में सदस्यों का चयन चुनाव के आधार पर होता था. उन्होंने एक यूजर के जवाब में इस बात को भी माना कि अब पार्टी के भीतर लोकतंत्र खत्म हो गया है.
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सुब्रमण्यम स्वामी ने ट्वीट करके लिखा, शुरुआती दिनों में जनता पार्टी जोकि अब भारतीय जनता पार्टी है, पहले हमारे पास पार्टी थी, संसदीय पार्टी का चुनाव होता था, जिसके जरिए पदाधिकारियों का चयन होता था. पार्टी के संविधान के अनुसार ऐसा करना जरूरी होता था. लेकिन आज भाजपा में कोई चुनाव कहीं भी नहीं है. हर पद पर चयन नामांकन के आधार पर होता है और इसके लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अनुमति लेनी होती है. दिलचस्प बात है कि जब एक यूजर ने ट्वीट करके पूछा पार्टी के भीतर ही कोई लोकतंत्र नहीं है, ऐसे में ये कैसे देश में लोकतंत्र को बचाएंगे, तो इसके जवाब में स्वामी ने लिखा आपको अब पता चला है. बता दें कि भाजपा का संसदीय बोर्ड पार्टी के अहम फैसले लेता है, लिहाजा इसकी महत्ता बहुत अधिक है. ऐसे में शिवराज सिंह चौहान और नितिन गडकरी का इससे बाहर किया जाना चौंकाने वाला है.
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गौरतलब है कि बीजेपी (BJP) ने अपने संसदीय बोर्ड और केंद्रीय चुनाव समिति का एलान कर दिया है. संसदीय बोर्ड से मध्य प्रदेश के सीएम शिवराज सिंह चौहान (Madhya Pradesh CM Shivraj Singh Chouhan) और केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी (Nitin Gadkari) को बाहर किया गया है. बीजेपी के इस संसदीय बोर्ड और चुनाव समिति के अध्यक्ष जेपी नड्डा होंगे. सर्वानंद सोनोवाल (Sarbananda Sonowal) और बीएस येदियुरप्पा (BS Yediyurappa) को बीजेपी ने बोर्ड में शामिल किया है. बता दें कि संसदीय बोर्ड बीजेपी की सबसे ताकतवर संस्था है. पार्टी के तमाम बड़े फैसले इसी बोर्ड के जरिए लिए जाते हैं. महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस को संसदीय बोर्ड में तो जगह नहीं मिली, लेकिन उन्हें दूसरी ताकतवर संस्था चुनाव समिति का सदस्य बनाया गया है. उनके अलावा वन मंत्री भूपेंद्र यादव और राजस्थान से आने वाले ओम माथुर को भी इस चुनाव समिति में जगह दी गई है.