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नेताजी के पोते ने PIL दायर कर स्वतंत्रता आंदोलन की 'विकृति' को खत्म करने की मांग

नेताजी सुभाष चंद्र बोस के पोते चंद्र कुमार बोस ने PIL में भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन के साहित्य और फिल्म में वर्तमान विकृतियों और गलत सूचनाओं को खत्म करने के लिए कार्रवाई की मांग की है.

नेताजी सुभाष चंद्र बोस के पोते चंद्र कुमार बोस
नेताजी सुभाष चंद्र बोस के पोते चंद्र कुमार बोस

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Published : Nov 19, 2022, 4:34 PM IST

Updated : Nov 19, 2022, 10:37 PM IST

कोलकाता: नेताजी सुभाष चंद्र बोस के पोते चंद्र कुमार बोस ने कलकत्ता उच्च न्यायालय में जनहित याचिका दायर की है, जिसमें उन्होंने भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन के साहित्य और फिल्म में वर्तमान विकृतियों और गलत सूचनाओं को खत्म करने को भारत सरकार की कार्रवाई की मांग की है.

न्यूज़ एजेंसी एएनआई से बात करते हुए चंद्र कुमार बोस ने कहा कि मोदी सरकार ने 2016-17 में नेताजी से जुड़े गुप्त दस्तावेजों को सार्वजनिक किया. इसके बाद हमें ऐसी खबरें मिली हैं, जिनसे पता चलता है कि नेताजी बोस ने 18 अगस्त, 1945 को अपने प्राणों की आहुति दी थी. लेकिन कुछ लोग इतिहास को तोड़-मरोड़ कर पेश करने की कोशिश कर रहे हैं कि वे हवाई दुर्घटना में बच गए थे.

बता दें, शुक्रवार को कलकत्ता उच्च न्यायालय में एक जनहित याचिका (पीआईएल) दायर की गई, जिसमें केंद्र सरकार द्वारा 'भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन के इतिहास के साहित्य और फिल्मों में मौजूदा विकृतियों और गलत सूचनाओं के खिलाफ तत्काल कार्रवाई की मांग की गई है. याचिका में फिल्मों, किताबों और अन्य प्रकाशनों में चित्रित घटनाओं की ऐतिहासिक को अधिक सावधानीपूर्वक सत्यापन की भी मांग की गई है.

याचिकाकर्ताओं ने स्वतंत्रता सेनानी नेताजी सुभाष चंद्र बोस के साथ किए गए प्रतिकूल व्यवहार पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा है कि उनका चरित्र पौराणिक कथाओं या कल्पना पर आधारित नहीं है कि उनका जीवन और विरासत एक कहानीकार और अफवाह फैलाने वाले की कल्पना के लिए खुला होगा. याचिकाकर्ताओं ने कहा, 'नेताजी ने सबसे अशांत समय में देश की सेवा की. स्वतंत्रता संग्राम के दौरान उनके योगदान और कार्यों का एक स्वतंत्र भारत के निर्माण में सर्वोपरि और सकारात्मक प्रभाव पड़ा है.'

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याचिकाकर्ताओं ने केंद्र सरकार से प्रख्यात प्रतिनिधियों की एक टीम गठित करने का भी आह्वान किया, ताकि नेताजी के नश्वर अवशेषों को उनके वर्तमान विश्राम स्थल - जापानी राजधानी टोक्यो में रेंकोजी मंदिर से वापस लाया जा सके. याचिकाकर्ताओं ने कहा है कि यह केंद्र सरकार के लिए बोस के जीवन और मृत्यु से जुड़ी कल्पनाओं और साजिश कों समाप्त करने का समय है. (ANI)

Last Updated : Nov 19, 2022, 10:37 PM IST

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