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चमोली करंट हादसा: जाते-जाते 'कुलदीप' को जीवनदान दे गये प्रदीप, एक दिन पहले हुई थी चमोली थाने में तैनाती

Chamoli electrocution accident चमोली करंट हादसे में चमोली पुलिस स्टेशन के कोतवाल कुलदीप रावत को जीवनदान मिला. हादसे के दिए कुलदीप रावत को उत्तराखंड हाईकोर्ट जाना था. उनकी जगह एक दिन पहले चमोली थाने में प्रदीप रावत को अस्थायी तैनाती दी गई थी.

Chamoli electrocution accident
चमोली करंट हादसा

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Published : Jul 21, 2023, 8:27 PM IST

चमोली (उत्तराखंड): चमोली करंट हादसे से संबंधित एक और जानकारी सामने आई है. दरअसल, हादसे में मारे गये उप-निरीक्षक प्रदीप रावत को एक दिन पहले ही एक अन्य अधिकारी की जगह लेने के लिए अस्थायी रूप से चमोली पुलिस स्टेशन में तैनात किया गया था. हादसे के दिन चमोली पुलिस स्टेशन के कोतवाल कुलदीप रावत को नैनीताल हाईकोर्ट जाना था, जिसके कारण प्रदीप रावत को उनकी अनुपस्थिति में काम की देखरेख के लिए पीपलकोटी से चमोली में तैनात किया गया. उसी दिन चमोली हादसा हो गया. जिसमें प्रदीप रावत की मौत हो गई.

चमोली के सर्किल अधिकारी प्रमोद शाह ने बताया दुर्घटना के दिन, चमोली पुलिस स्टेशन के कोतवाल कुलदीप रावत को हाईकोर्ट जाना था. उनकी जगह प्रदीप रावत को काम की देखरेख के लिए पीपलकोटी से चमोली तैनात किया गया. जिसके बाद बुधवार को प्रदीप रावत को नमामि गंगे के तहत बने सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट में करंट लगने से एक व्यक्ति की मौत की सूचना मिली. वह अपना पंचनामा करने के लिए घटनास्थल पर पहुंचे, लेकिन उसी स्थान पर बिजली का झटका लगने से 14 अन्य लोगों के साथ उनकी मौत हो गई.

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सुबह लगभग 11.30 बजे, संयंत्र परिसर में स्थापित धातु की रेलिंग के माध्यम से बिजली का प्रवाह हुआ, जिसमें पुलिस उप-निरीक्षक और तीन होम गार्ड कर्मियों सहित 16 लोगों की मौत हो गई. घटना में दस अन्य के घायल होने की खबर है, जिनमें से छह की हालत गंभीर बताई जा रही है.

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बता दें प्रदीप रावत का पैतृक गांव रुद्रप्रयाग जिले के उखीमठ तहसील स्थित उटींड गांव है. जहां घटना के बाद माहौल बेहद गमगीन है.प्रदीप रावत की मौत की खबर ने वहां के लोगों को स्तब्ध कर दिया है. प्रदीप रावत ग्यारह महीने पहले देहरादून से ट्रांसफर होकर चमोली आए थे. तब से वह ऋषिकेश-बद्रीनाथ राष्ट्रीय राजमार्ग पर पीपलकोटी पुलिस चौकी के प्रभारी के पद पर तैनात थे.

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ऊखीमठ में रहने वाले रुद्रप्रयाग जिला पंचायत के पूर्व अध्यक्ष चंडी प्रसाद भट्ट ने कहा कि पुलिसकर्मी का जाना यहां के लोगों के लिए स्वीकार करना बहुत मुश्किल है. उन्होंने कहा रावत की तीन छोटी बेटियां हैं जो देहरादून में अपनी मां के साथ रहती हैं. उनकी मां और भाई उखीमठ में रहते हैं.

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(पीटीआई)

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