हैदराबाद:आईआईटी-जेईई प्रवेश परीक्षा में इस साल तेलुगु राज्यों को राष्ट्रीय स्तर पर विशेष पहचान दिलाने वाले टॉप रैंकर्स छात्र देश के सर्वश्रेष्ठ कॉलेज में पढ़ने के लिए अग्रिम पंक्ति में खड़े हैं. ये सभी भविष्य में सर्वश्रेष्ठ प्रौद्योगिकीविदों, सीईओ और शोधकर्ता के रूप में लोगों के सामने आना चाहते हैं. इनमें से कोई आईआईटी बॉम्बे में पढ़ना चाहता है, तो कोई पढ़ाई पूरी करके अपनी खुद की इंडस्ट्री शुरू करना चाहता है. ये अपने भविष्य को लेकर क्या योजना बना रहे हैं, इसके बारे में ईटीवी भारत ने एक खास बातचीत में उनसे जानने की कोशिश की.
आईआईटी बॉम्बे में सीएसई की करना चाहता हूं पढ़ाई - वविला चिदविलास रेड्डी
जेईई एडवांस में प्रथम रैंक हासिल करने वाले वविला चिदविलास का कहना है कि 'मैं आईआईटी बॉम्बे में सीएससी में शामिल होना चाहता हूं. बाद में शोध की ओर बढ़ने का विचार है. मैं नागरकुर्नूल जिले के बालमुर मंडल के गोडल गांव से हूं. पिता राजेश्वर रेड्डी, माता नागलक्ष्मी. दोनों सरकारी शिक्षक हैं. मुझे बचपन से ही गणित से प्यार है. थोड़ी दिलचस्पी बढ़ी.'
वविला ने आगे कहा कि 'मैं पढ़ते समय अपने सेल फोन और अन्य विकर्षणों को एक तरफ रख देता था. मेरा बड़ा भाई बिट्स पिलानी में सीएससी के चौथे वर्ष में पढ़ रहा है. इससे मुझे भी प्रेरणा मिली.' बता दें कि चिदविलास के राष्ट्रीय स्तर पर प्रथम स्थान प्राप्त करने पर परिजनों व ग्रामीणों ने खुशी जाहिर की है.
मेरा लक्ष्य एक बड़ी कंपनी का सीईओ बनना - सूर्यतेजा
दूसरी रैंक हासिल करने वाले सूर्यतेजा का कहना है कि उम्मीद थी कि राष्ट्रीय स्तर पर रैंक 20 के भीतर होगी, लेकिन मैं दूसरी रैंक पाकर बहुत खुश हूं. मैं आईआईटी बॉम्बे में अध्ययन करना चाहता हूं. मेरा लक्ष्य एक बड़ी टेक्नोलॉजी कंपनी का सीईओ बनना है. मेरा घर चित्तूर जिला गंगाधरनेल्लूर मंडल पथपलयम पंचायत वेणुगोपालपुरम है और माता-पिता रमेश और कृष्णावेनी दोनों सरकारी शिक्षक हैं. उन्होंने मुझ पर कोई दबाव नहीं बनाया.
सूर्यतेजा ने कहा कि उनके प्रोत्साहन से मैंने प्रतिदिन 12 घंटे का कठिन अध्ययन किया. ऑनलाइन कक्षाओं की तुलना में आमने-सामने शिक्षण को प्राथमिकता दें. जरूरत पड़ने पर सेल फोन पर इंटरनेट के जरिए कुछ चीजें सीखें. मेरा भाई आईआईटी, वाराणसी में बी.टेक के अंतिम वर्ष की पढ़ाई कर रहा है. माता-पिता और भाई के मार्गदर्शन से मैंने उत्तम परिणाम प्राप्त किया.
खुद का उद्योग लगाने की इच्छा -वेंकटसिवरम
जेईई एडवांस में 5वीं रैंक हासिल करने वाले वेंकटसिवरम का कहना है कि भले ही मैंने दिन में 12 घंटे से ज्यादा मेहनत की हो. लेकिन योजना के साथ शिक्षकों के निर्देशों का पालन भी किया. बिना तनाव के पढ़ाई कर अच्छी रैंक हासिल की. आज मेरा जन्मदिन है. मैं अपने जीवन में इस जन्मदिन को कभी नहीं भूलूंगा. मेरा यह जन्मदिन हमेशा याद रहेगा.
उन्होंने कहा कि पांचवीं रैंक हासिल करने से मेरी खुशी दोगुनी हो गई. IIT बॉम्बे से कंप्यूटर इंजीनियरिंग पूरी करना चाहता हूं और MIT, USA से MS की पढ़ाई करना चाहता हूं. बाद में मेरा लक्ष्य देश में अपना उद्योग स्थापित करना और रोजगार पैदा करना है. मैं पालनाडू जिला चिलकालुरिपेट मंडल बुरिशुपुडी गांव से हूं. पिता हनुमंथु राव किसान हैं और मां का नाम कलावती है, जो नरसरावपेट के एक मार्केट यार्ड में सुपरवाइजर हैं. बहन आठवीं में पढ़ती है.