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अब प्राइमरी स्कूलों में कक्षा एक से ही छात्रों को मिलेगा व्याकरण का ज्ञान, विशेषज्ञ तैयार कर रहे पाठ्यक्रम

यूपी के सरकारी प्राइमरी स्कूलों में कक्षा एक से ही बच्चों को व्याकरण का ज्ञान मिलेगा. इसके लिए पांच दिनों की कार्यशाला का आयोजन किया गया है. विभिन्न जिलों के हिंदी विशेषज्ञ व्याकरण की किताब और अभ्यास पुस्तिका तैयार कर रहे हैं.

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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Sep 9, 2023, 8:19 PM IST

प्रयागराज में शिक्षकों की कार्यशाला का आयोजन.

प्रयागराज:उत्तर प्रदेश में सरकारी प्राइमरी स्कूलों में पढ़ने वाले छात्रों को अब कक्षा एक से ही व्याकरण का ज्ञान भी करवाया जाएगा. जिसके लिए राज्य शिक्षा संस्थान में विषय विशेषज्ञ व्याकरण की सहायक पुस्तक और अभ्यास पुस्तिका का कोर्स तैयार कर रहे हैं. जिसके लिए 7 अगस्त से 9 सितंबर तक शिक्षा संस्थान कार्यशाला का आयोजन किया गया है. पांच दिनों की पांच चरण में आयोजित कार्यशाला में प्रदेश के अलग-अलग जिलों से हिंदी के विशेषज्ञ शिक्षक शामिल हुए हैं. इन विशेषज्ञों द्वारा कक्षा एक से पांच तक के विद्यार्थियों के लिए सरल भाषा में हिंदी व्याकरण की अभ्यास पुस्तिका तैयार की जा रही है. व्याकरण की इस किताब से कक्षा एक से पांच तक के छात्रों को चरण वार पढ़ाया जाएगा. जिससे आने वाले दिनों में जब यही छात्र कक्षा 6 में जाएंगे, तो उन्हें व्याकरण के अध्ययन में आसानी होगी.

कार्यशाला में भाग लेते शिक्षक.
सरल भाषा में हिंदी व्याकरण की पुस्तक हो रही तैयार:राज्य शिक्षा संस्थान के प्राचार्य नवल किशोर ने बताया कि बेसिक स्कूलों में पढ़ने वाले कक्षा एक से कक्षा पांच तक के छात्रों को व्याकरण की जानकारी पहली कक्षा से ही दी जाएगी. कक्षा एक से कक्षा पांच तक के छात्रों को सरल भाषा में दोहों के जरिये भी व्याकरण की शिक्षा दी जाएगी. नवल किशोर ने बताया कि प्राथमिक स्तर के छात्र-छात्राओं के बौद्धिक क्षमता को ध्यान में रखते हुए हिंदी के विद्वान शिक्षकों ने सरल, सुगम और बोधगम्य हिन्दी व्याकरण की पुस्तक तैयार करने का काम चल रहा है.
व्याकरण का पाठ्यक्रम तैयार करते हिंदी के विशेषज्ञ

प्रकाशन से पहले होगी प्रूफ रीडिंग: नवल किशोर ने बताया कि किताब का विषय तैयार होने के बाद उसके प्रकाशन से पहले प्रूफ रीडिंग का काम भी किया जाएगा. आगामी सत्र से छात्रों को हिंदी व्याकरण की शिक्षा देने की तैयारी पूरी की जा चुकी है. संस्थान की सहायक उप शिक्षा निदेशक और समन्वयक समग्र शिक्षा डॉ. दीप्ति मिश्रा ने बताया कि अभ्यास पुस्तिका के साथ ही पुस्तक तैयार की जा रही है. जिसके माध्यम से बच्चे व्याकरण की बारीकियों को सरल और सहज तरीके से समझकर अपनी ज्ञान क्षमता का विकास कर सकेंगे. व्याकरण की पुस्तक को बच्चों के लिए रुचिकर बनाने के उद्देश्य से अभिनव प्रयोग किए जा रहे हैं. कक्षा एक से कक्षा पांच तक के बच्चों को परिभाषाएं कंठस्थ हो, इसलिए दोहे और छंद का उपयोग किया गया है.

कक्षा एक से ही पढ़ाया जाएगा बच्चों को व्याकरण.

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