चंडीगढ़ :गुस्सा अगर हद से ज्यादा गुज़र जाए तो क्या होता है, इसका नज़ारा देखने को मिला चंडीगढ़ के एक स्कूल में, जहां मामूली बात से रोकने पर स्टूडेंट ने हेडमास्टर पर जानलेवा हमला कर दिया.
क्या है पूरा मामला ? :जानकारी के मुताबिक सेक्टर 19 के सरकारी स्कूल में फीमेल क्रिकेटर्स के मुकाबले करवाए जा रहे थे. इस दौरान लड़कों को मैदान में जाने की मनाही थी. सरकारी स्कूल के हेडमास्टर केसर सिंह छात्रों को मैदान में जाने से रोक रहे थे. लेकिन इसके बावजूद 9वीं क्लास का एक स्टूडेंट बार-बार खेल के मैदान में जाने की जिद कर रहा था. हेडमास्टर केसर सिंह ने उसे कई बार रोकने की कोशिशें की, लेकिन इसके बावजूद भी वो किसी भी हाल में मानने को तैयार नहीं था. जब केसर सिंह ने 15 वर्षीय नाबालिग स्टूडेंट को सख्ती से खेल के मैदान में जाने से रोका तो उसने हेडमास्टर पर ही जानलेवा हमला कर दिया. हमला किस कदर ख़तरनाक था, इस बात का अंदाज़ा इसी बात से लगाया जा सकता है कि नाबालिग छात्र ने हेडमास्टर केसर सिंह के सिर पर पीछे से तीन से चार बार रॉड से हमला किया. हमले की आशंका से बेख़बर हेडमास्टर खुद को संभाल भी नहीं सके और नीचे गिर पड़े. इस दौरान उनके सिर से तेज़ी से खून बहने लगा.
रॉड से वार पर वार :टीचर्स एसोसिएशन ज्वाइंट एक्शन कमेटी के सदस्य भाग सिंह कैरों ने ईटीवी भारत को बताया कि हेडमास्टर पर हमला होता देख बाकी टीचर्स दौड़ते हुए आए लेकिन तब तक केसर सिंह ज़मीन पर गिर चुके थे. छात्र पर हैवानियत इस कदर हावी थी कि वो इसके बावजूद भी उन पर रॉड मार रहा था. स्कूल के बाकी स्टूडेंट्स के साथ आरोपी छात्र को काबू में किया गया. इसके बाद टीचर्स ने स्कूल में मौजूद फर्स्ट एड के जरिए केसर सिंह को संभाला. फिर तत्काल एंबुलेंस को फोन किया गया. एंबुलेंस के आते ही लहूलुहान हालत में हेडमास्टर केसर सिंह को उसमें बैठाया गया और सेक्टर 16 के अस्पताल में दाखिल करा दिया गया. डॉक्टरों के मुताबिक हेडमास्टर केसर सिंह के सिर पर 15 से ज्यादा टांके आए हैं. इलाज के बाद हेडमास्टर को अस्पताल से डिस्चार्ज भी कर दिया गया. फिलहाल डॉक्टरों ने उन्हें कुछ दिन के लिए बेड रेस्ट की सलाह दी है.
माता-पिता के लिए चेतावनी :आरोपी छात्र को स्कूल प्रबंधन ने पुलिस के हवाले कर दिया है. वो फिलहाल सेक्टर 19 थाना पुलिस के ऑब्जर्वेशन में है. इस पूरी घटना ने कई सवाल खड़े कर दिए हैं. आखिर कैसे कोई स्टूडेंट किसी चीज़ को करने से रोकने पर ऐसा हैवानियत से भरा हमला कर सकता है. क्या ये परवरिश में कमी के चलते है. ऐसे में ये घटना हर माता-पिता के लिए एक चेतावनी है कि वे अपने घर के बच्चों पर ख़ास ध्यान दें और उन पर ख़ास निगाह रखने के साथ उन्हें घर में अच्छा माहौल दें. साथ ही उनसे दोस्त जैसे पेश आएं जिससे भविष्य में छात्रों को इस कदर हिंसा से भरे रास्ते पर जाकर अपराधी बनने से रोका जा सके क्योंकि कोई ये नहीं चाहेगा कि उनके घर का चिराग आगे जाकर कैरियर बनाने के बजाय अपराध के अंधेरों में खो जाए.
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