चंडीगढ़/अमृतसर :पंजाब सरकार की सख्ती और जागरूकता अभियान के बावजूद खेतों में पराली जलाई जा रही है. धान की कटाई के साथ पराली जलाने के मामले बढ़ रहे हैं. पंजाब में इस मानसून सीजन में अब तक पराली जलाने के 630 मामले सामने आ चुके हैं. इनमें अमृतसर जिला सबसे आगे है जबकि दूसरे नंबर पर तरनतारन है. उधर, पंजाब प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के सदस्य सचिव करुणेश गर्ग का कहना है कि पराली जलाने की घटनाओं से संबंधित जिलों के प्रशासन को अवगत करा दिया गया है. इसके बाद प्रशासन को आगे की कार्रवाई करनी होगी. उन्होंने कहा कि पराली जलाने से होने वाले नुकसान के बारे में किसानों को लगातार जागरूक किया जा रहा है. इससे पर्यावरण भी काफी हद तक प्रदूषित होता है.
आईसीएआर द्वारा प्राप्त आंकड़ों के अनुसार, पंजाब में इस मानसून सीजन में गुरुवार को पूरे पंजाब में एक ही दिन में पराली जलाने के 85 नए मामले सामने आए हैं. पराली जलाने के मामले में अमृतसर में पराली जलाने के 419 मामले सामने आए हैं. वहीं तरनतारन 106 मामलों के साथ दूसरे, पटियाला 22 मामलों के साथ तीसरे नंबर पर, कपूरथला 19 मामलों के साथ चौथे नंबर पर है. इसी तरह फिरोजपुर में 15, जालंधर में 12, गुरदासपुर में 7, लुधियाना में छह, एसएएस में 4, संगरूर में सात, बरनाला, मोगा और फरीदकोट में दो-दो और फतेहगढ़ साहिब में तीन मामले सामने आए हैं.
वहीं यूनिवर्सिटी स्पेस रिसर्च एसोसिएशन (यूएसआरए) के वरिष्ठ वैज्ञानिक पवन गुप्ता ने ट्वीट किया है कि 2020 में पूरे सीजन के दौरान पंजाब में पराली जलाने के 72373 मामले सामने आए. इसमें 16 नवंबर तक 74015 मामले सामने आए थे. वहीं अमृतसर के एक किसान ने दावा किया है कि पराली को हटाने के लिए हमारे पास मशीनरी नहीं है. इसके अलावा हमारे पास बहुत कम जमीन है और इसे खुद काटने के लिए संसाधन नहीं हैं, इसे जलाना ही एकमात्र उपाय है जो संभव है.