पटना :बिहार में मंत्रियों के बीच बंगले को लेकर कई बार आपसी खींचतान देखने को मिली है. कई बार तो बंगले के लिए मंत्री कोर्ट की शरण में भी जा चुके हैं. आखिर बिहार में मंत्रियों को बंगले क्यों इतने प्यारे हैं? ईटीवी भारत आज बिहार के कई बंगलों की कहानी आपको बताएगा.
10 सर्कुलर रोड बंगला
जब से बिहार में नीतीश कुमार की सरकार आई है, तब से लालू परिवार इस बंगले में रह रहा है. पिछले डेढ़ दशक में लालू परिवार ने कई राजनीतिक उतार-चढ़ाव इसी बंगले में रहकर देखा है. एक वक्त ऐसा आ गया था जब लालू परिवार का कोई भी सदस्य देश के किसी भी सदन का सदस्य नहीं था. कहा जाने लगा था कि आरजेडी अब समाप्ति की ओर है, लेकिन लालू प्रसाद यादव या राबड़ी देवी कभी भी किसी ने इस बंगले को खाली करने की बात नहीं कही. वर्तमान में आरजेडी बिहार की सबसे बड़ी पार्टी है, उसके 75 विधायक जीतकर सदन पहुंचे हैं.
7 सर्कुलर रोड बंगला
राबड़ी आवास के बगल में स्थित यह बंगला 2014 में चर्चा में आया था. लोकसभा चुनाव में करारी हार की जिम्मेदारी लेते हुए नीतीश कुमार ने बिहार के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था. वह एक अणे मार्ग स्थित मुख्यमंत्री आवास को खाली कर 7 सर्कुलर रोड स्थित बंगला में आ गए थे. हालांकि यह बंगला बिहार के मुख्य सचिव के नाम पर आवंटित था.
जीतन राम मांझी को मुख्यमंत्री बनाने के बाद नीतीश पार्टी का काम इसी बंगले से देख रहे थे. मगर चंद महीने बाद ही जीतन राम मांझी और नीतीश कुमार के बीच विवाद हो गया था. नीतीश ने लालू के सहयोग से जीतनराम मांझी को मुख्यमंत्री पद से हटाया. 2015 में एक बार फिर से चुनाव जीतने के बाद जब नीतीश मुख्यमंत्री बने तो इस बंगले को छोड़कर एक अणे मार्ग स्थित मुख्यमंत्री आवास लौट गए.
5 देश रत्न मार्ग
पांच देश रत्न मार्ग सबसे अधिक चर्चा में रहा है. बतौर उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव इस बंगले की शोभा बढ़ा रहे थे, लेकिन जब सत्ता से बाहर हुए तो वह बंगला खाली करने के लिए तैयार नहीं थे. नतीजा यह हुआ कि सरकार को बंगला खाली कराने के लिए अदालत की शरण में जाना पड़ा.
कई महीनों की लड़ाई के बाद बंगला तत्कालीन उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी के नाम आवंटित किया गया. एक समय नीतीश कुमार के काफी करीबी माने जाने वाले वृशिण पटेल भी इस बंगले में रह चुके हैं. वह सरकार में बतौर मंत्री काम करते वक्त इस बंगले में रहते थे. आज पटेल कहां हैं यह किसी से छिपा नहीं है. वहीं, किस तरह से भाजपा ने सुशील मोदी को बिहार से बाहर का रास्ता दिखाया इसे भी सभी ने देखा है.
एक नेताजी मार्ग
यह बिहार का इकलौता ऐसा बंगला है जहां कोई मंत्री तीन दशक से लगातार रहे हों. राज्य के ऊर्जा और योजना एवं विकास मंत्री बिजेंद्र प्रसाद यादव इस बंगले की शोभा तीन दशक से बढ़ा रहे हैं. 1990 में जब बिहार में लालू यादव की सरकार बनी तब भी यादव इसी बंगले में रहते थे और आज तीन दशक बीतने के बाद भी वे इसी बंगले में रह रहे हैं. विजेंद्र प्रसाद यादव उन नेताओं में से हैं, जो लालू और नीतीश के काफी करीबी माने जाते हैं.