हैदराबाद : इन दिनों बाजार में पेटीएम के आईपीओ की चर्चा है, और हो भी क्यों ना देश में अब तक का सबसे बड़ा आईपीओ है. जिसके जरिये कंपनी को 18,300 करोड़ रुपये जुटाने की उम्मीद है. शेयर की लिस्टिंग के बाद नफा-नुकसान का सारा गणित साफ हो जाएगा. लेकिन पेटीएम की आज चर्चा हो रही है या जब भी हुई है तो साथ में एक नाम की चर्चा लाजमी है.
विजय शेखर शर्मा
ये नाम आज किसी पहचान का मोहताज नहीं है. जब-जब पेटीएम का नाम जुबां या जहन में आएगा विजय शेखर शर्मा का नाम आना तय है. पेटीएम के फाउंडर और सीईओ विजय शेखर आज देश के युवाओं के लिए एक मिसाल हैं. यूपी के अलीगढ़ जिले के एक गांव में पैदा हुए लड़के का नाम आज फोर्ब्स के अरबपतियों की लिस्ट में शुमार है.
- 7 जून 1978 को पैदा हुए विजय शेखर की शुरुआती पढ़ाई अलीगढ़ के स्थानीय हिंदी मीडियम स्कूल में ही हुई.
-विजय शेखर शर्मा ने दिल्ली कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग (Delhi College of Engineering) से इलेक्ट्रॉनिक्स एवं कम्युनिकेशन में इंजीनियरिंग की डिग्री ली थी. इसे आज दिल्ली प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय ( Delhi Technological University) के नाम से जाना जाता है.
- 1997 में कॉलेज के दिनों में ही विजय शेखर ने एक वेबसाइट indiasite.net बनाई थी जिसे दो साल बाद ही लगभग 10 लाख रुपये में बेच दिया था.
- साल 2000 में विजय शेखर शर्मा ने One97 Communications Ltd की स्थापना की थी. जो शुरुआत में ख़बरें, क्रिकेट स्कोर, मोबाइल रिंगटोन, जोक्स जैसा मोबाइल कंटेट उपलब्ध करवाती थी. आज यही कंपनी पेटीएम (Paytm) की पेरेंट कंपनी है.
पेटीएम का आईपीओ आने पर तिरुपति मंदिर पहुंचे थे विजय शेखर विजय शेखर और पेटीएम का सफर
Paytm यानि pay through mobile, इस कंपनी की शुरुआत साल 2010 में दक्षिणी दिल्ली के एक छोटे से किराए के कमरे में हुई थी. विजय शेखर ने शुरुआत तो कर ली थी लेकिन पैसों की कमी हमेशा आड़े आती रही. पहले बचत दांव पर लगाई और फिर दोस्तों से लेकर परिवार वालों तक से कर्ज लिया जब वो भी खत्म हुआ तो 24 टका ब्याज पर किसी से 8 लाख रुपये का लोन ले लिया.
पेटीएम के संस्थापक और सीईओ विजय शेखर शर्मा विजय शेखर ने बताया था कि कुछ वक्त बाद उनकी मुलाकात एक शख्स से हुई थी उनकी एक टैक कंपनी थी, वो विजय की कंपनी में इन्वेस्ट करने को तैयार तो थे लेकिन उनकी शर्त थी कि पहले उनकी कंपनी को मुनाफे में लाना होगा. विजय शेखर ने ऐसा कर दिखाया और फिर उस शख्स ने One97 Communications Ltd के 40 फीसदी शेयर खरीद लिए. साल 2011 में कई तरह के आइडिया आए लेकिन विजय शेखर ने स्मार्टफोन से पेमेंट की व्यवस्था को चुना और इस तरह मोबाइल द्वारा पेमेंट यानि pay through mobile (Paytm) का जन्म हुआ.
हिंदी मीडियम का लड़का- अलीगढ़ के छोटे से गांव का एक लड़का जिसकी 12वीं तक की पढ़ाई हिंदी मीडियम में हुई थी. जिसके कारण कॉलेज के शुरुआती दिनों में उन्हें बहुत दिक्कतों का सामना करना पड़ा था, लेकिन विजय सेखर ने इस मुश्किल को भी अपने तरीके से हल किया. एक इंटरव्यू के दौरान विजय शेखर ने बताया कि उन्होंने रॉाक गानों और हिंदी-अंग्रेजी में अनुवाद हुई स्कूल की किताबों से अंग्रेजी सीखी थी.
पेटीएम का आईपीओ को लेकर आरपीजी एंटरप्राइजेज के चेयरमैन हर्ष गोयंका ने विजय शेखर की युवावस्था वाली तस्वीर ट्वीट कर लिखा था कि 'नए भारत में फलने-फूलने के लिए आपको फैमिली बैक ग्राउंड, अच्छी अंग्रेजी या पैसों की जरूरत नहीं है। आपको सपने देखने, दृढ़ रहने और कड़ी मेहनत करने की जरूरत है। एक अध्यापक का बेटा, छोटे शहर से ताल्लुक रखने वाला, हिंदी मीडियम स्कूल से पढ़ा हुआ इंसान आज देश का सबसे बड़ा आईपीओ लेकर आया है। ऑल लक विजय शेखर शर्मा'
वो संडे बाजार की मैगज़ीन- 21वीं सदी की शुरुआत में जब इंजीनियर अमेरिका का रुक कर रहे थे तब विजय शेखर ने बारत में कंपनी की शुरुआत की. विजय शेखर बताते हैं कि दिल्ली में संडे मार्किट से वो फोर्ब्स, फॉर्च्यून जैसी मैगजीन की पुरानी कॉपियां लाते थे, जो उन्हें सस्ते में पड़ती थी. ऐसी ही एक मैगजीन से उन्हें अमेरिका की सिलिकन वैली में गैराज शुरु होने वाली कंपनी के बारे में पता चला, विजय शेखर को ये आइडिया पसंद आया और वो सोच रहे थे कि इससे भारत में काफी पैसे कमा सकते हैं. इसके बाद वो अमेरिका की स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी में पढ़ाई करने गए, जहां उन्हें पता चला कि भारत स्टार्टअप के सपोर्ट की कोई अवधारणा ही नहीं थी. जिसके बाद उन्होंने अपने बचत के पैसों से अपनी कंपनी की शुरुआत की.
2010 में दक्षिण दिल्ली के एक किराये के कमरे में था कंपनी का ऑफिस
सपने के लिए बोनस लिए बगैर छोड़ दी मोटी सैलरी वाली नौकरी-एक इंटरव्यू के दौरान विजय शेखर ने बताया था कि जब वो अमेरिका की एक कंपनी में मोटी तनख्वाह लेते ते लेकिन उनका सपना हमेशा से खुद की कंपनी बनाना था. बकौल विजय शेखर अगर ऐसे ही नौकरी करता रहा तो मेरा सपना दम तोड़ देगा, सिलिकॉन वैली जैसी कंपनी का सपना कैसे पूरा होगा?' 'इसीलिए मैंने कंपनी से बिना बोनस लिए ही जॉब छोड़ दी'
जब खाने के पड़े थे लाले-विजय शेखर नौकरी छोड़कर भारत आ गए लेकिन उनके दोस्त नौकरी करते रहे. साल 2001 में विजय शेखर ने 2 लाख रुपए लगाकर One97 नाम की कंपनी शुरु की. कंपनी अच्छी चल रही थी, कई बड़ी कंपनियां उनकी क्लाइंट बन गईं थीं. विजय ने बताया कि अनुभव की कमी और कॉमर्स में कमजोर होने के कारण एक साल में ही कंपनी की हालत खराब होने लगी. उधार लेकर काम चलने लगा, जो पैसा बचते वो किराया और तनख्वाह देने में खर्च हो जाते थे. नौबत यहां तक आ गई कि खाने के लिए पैसे नहीं थे, इसलिये दोस्तों के घर बहाने से खाना खाने के लिए जाने लगे. पैसे बचाने के लिए बस की बजाय पैदल चले, घरों में कंप्यूटर ठीक करने या पढ़ाने के काम भी किए.
नोटबंदी के दौरान पेटीएम को हुआ था फायदा
नोटबंदी के बाद बुलंदी पर Paytm और विजय शेखर
8 नवंबर 2016 को जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नोटबंदी का ऐलान किया तो देशभर की जनता कैश के लिए एटीएम की कतारों में खड़ी नजर आई और यही कतार पेटीएम को बुलंदी पर ले जाने वाली थी. नोटबंदी के बाद कैश की किल्लत हुई तो लेन-देन में पेटीएम का इस्तेमाल होने लगा. नोटबंदी के 3 महीने बाद ही पेटीएम इस्तेमाल करने वाले लोगों की तादाद में 50 फीसदी की बढ़ोतरी हुई थी. मध्यम और निम्न आय वर्ग के करीब 19 करोड़ लोग पेटीएम का इस्तेमाल करने लगे. पेटीएम के बढ़ते कदमों को देख विजय शेखर ने भी एक कदम उठाया और अपनी कंपनी One97 की एक फीसदी हिस्सेदारी करीब 325 करोड़ रुपये में बेच दी ताकि पेटीएम पेमेंट्स बैंक के लिए पैसे इकट्ठे किए जा सकें.
मोबाइल वॉलेट पर लोग जुड़ते गए और पेटीएम बुलंदी पर पहुंचता रहा जिसने उसे नया और बड़ा निवेश भी दिलाया. नोटबंदी की घोषणा के 6 महीने बाद ही चीनी भागीदारों से विजय ने 200 मिलियन डॉलर पेटीएम के फंड में डाल दिए. अगस्त 2018 में Paytm में अमेरिका के दिग्गज निवेशक वारेन बफे की कंपनी बर्कशायर हैथवे ने 30 करोड़ अमेरिकी डॉलर का निवेश किया.
फोर्ब्स की अरबपतियों की सूची में है विजय शेखर शर्मा का नाम
अरबपतियों की लिस्ट में विजय शेखर
पेटीएम की कंपनी में आज दुनिया के जाने-माने व्यावसायिक ग्रुप्स की होल्डिंग है और विजय शेखर कंपनी के सीईओ हैं. साल 2020 में कंपनी की वैल्यू 16 बिलियन अमेरिकी डॉलर थी. वहीं विजय शेखर को साल 2020 में फोर्ब्स ने दुनिया के सबसे अमीर लोगों की लिस्ट में 62वें नंबर पर रखा था. तब उनकी नेटवर्थ 2.35 बिलियन अमेरिकी डॉलर थी.
जिसके मुरीद थे वो आज कंपनी के शेयर होल्डर हैं
विजय शेखर चीन की ई-कॉमर्स, रिटेल, इंटरनेट के क्षेत्र की मल्टीनेशनल टैक्नॉलजी कंपनी अलीबाबा के फाउंडर जैक मा (Jack Ma) के मुरीद रहे हैं. इसके अलावा जापान के मशहूर बिजनेसमैन और निवेशक मासायोशी (Masayoshi Son) को बी वो अपनी प्रेरणा बताते हैं. आज जैकमा की अलीबाबा से लेकर मासयोशी का सॉफ्ट बैंक तक विजय शेखर की पेटीएम के शेयर होल्डर हैं.
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