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महिला दिवस विशेष : श्री बाई की बहादुरी और जज्बे की कहानी

महिला दिवस पर ईटीवी भारत की विशेष सीरीज में आज हम आपको बताने जा रहे हैं, बुंदेलखंड के सागर जिले की एक छोटे से गांव में रहने वाली श्री बाई की बहादुरी और जज्बे की कहानी...

श्री बाई
श्री बाई

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Published : Mar 5, 2021, 1:40 PM IST

भोपाल :मध्य प्रदेश के सागर जिले से करीब 50 किलोमीटर दूर गढ़ाकोटा के नजदीक आपचंद गांव जो की प्रसिद्ध आपचंद की गुफा के नजदीक बसा हुआ है, यहां चारों तरफ जंगल है.

इसी गांव में रहने वाली श्री बाई को वैसे तो गांव के बाहर कोई नहीं जानता था पर जब 11 जनवरी 2021 को मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने बेटियों और महिलाओं को बचाने वाले समाज के असली हीरो का सम्मान किया और उसमें श्री बाई का नाम आया और फिर जब मुख्यमंत्री ने श्री बाई की कहानी सुनकर उनकी जमकर प्रशंसा की तो प्रदेश ही नहीं बल्कि पूरे देश में उनकी पहचान बनी. उस दिन श्री की बहादुरी की दास्तान जिसने भी सुनी उसने यहीं कहा कि यही हैं असली हीरो.

बहादुरी और जज्बे की कहानी

महिला दिवस की विशेष सीरीज में ईटीवी भारत आपको बताने जा रहा है एक मर्दानी की ऐसी कहानी, जिसमें एक अकेली औरत ने एक अबला नारी को चार ऐसे दरिंदों के चंगुल से निकाला जो उसकी अस्मत लूटकर उसे ज़िन्दा जलाने की फिराक में थे.

घटना की कहानी श्री बाई की ज़ुबानी

27 सितंबर 2020 को जब गढ़ाकोटा के पास आपचंद गांव में श्री बाई अपने खेत में फसल की कटाई कर रही थी. तभी अचानक एक महिला चीखती-चिल्लाती श्री बाई की तरफ़ दौड़ती आ रही थी, उसकी गोद में दो छोटे मासूम बच्चे थे और उसके शरीर पर कपड़े नहीं थे और उस महिला के पीछे चार वहशी दरिंदे हथियार और पेट्रोल से भरी बोतल लेकर दौड़ रहे थे. श्री बाई कुछ समझ पाती इससे पहले पीड़ित महिला श्रीबाई के पास आकर खुदको बचाने की गुहार लगाने लगी.

श्री बाई इतना तो समझ गई थी कि इन चारों के इरादे ठीक नहीं हैं और वह इस महिला को जबरन ले जाना चाहते हैं. श्री बाई खेत पर अकेली थी सामने चार दरिन्दे खड़े थे पर श्रीबाई ने हिम्मत न हारते हुए चारों दरिंदों को ललकारा और दूर रहने की नसीहत दी, जिसपर चारों अपरधियों ने श्री बाई को मामले से दूर रहने की नसीहत देते हुए पीड़ित महिला को अपनी साली बताते हुए उन्हें सौंपने की बात कही, लेकिन पीड़ित महिला उनकी बातों को झूठ बताकर श्रीबाई से जान बचाने की गुहार लगा रही थी.

जब श्री बाई ने उन दरिंदों की बात मानने से इंकार कर दिया तो वह श्री बाई की तरफ़ बढ़ने लगे जिसपर श्रीबाई ने फ़सल काटने के हसिया (कटारी) दिखाते हुए चारों को ललकारा, फिर तीन आरोपी तो पीछे हटे लेकिन एक आरोपी ने श्री बाई को भी पीड़ित महिला के साथ ज़िंदा जलाने की धमकी दी, पर श्रीबाई बिना डरे उस पीड़ित अबला की ढाल बनी रही. चारों अपराधियों ने उसे बहुत डराने की कोशिश की, हमला करने की कोशिश की पर उसने हिम्मत नहीं हारी.

कुछ देर बाद पास के खेत में श्री की नज़र पड़ी जहां उसका बेटा आ रहा था श्री ने अपने बेटे को आवाज़ लगाई और पुलिस को फोन करने को कहा इसपर आरोपी घबरा गए और भाग खड़े हुए. श्री बाई के बेटे ने ग्राम कुटवार और पुलिस को सूचना दी जिसके बाद पुलिस ने घेराबंदी कर सभी आरोपियों को गिरफ़्तार कर लिया.

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पीड़ित महिला को फिर श्री बाई अपने घर ले गई जहां उसने अपने कपड़े पीड़ित महिला को दिए और उसके दोनों मासूम बच्चों को जो दो दिन से भूखे से मारने की कगार पर आ गए थे उन्हें ढूध पिलाया. पीड़ित महिला ने बताया कि वह मजदूरी करती है और वह अपने गांव लौट रही थी तभी आरोपियों ने उसे अपने ऑटो से गांव छोड़ने का कहकर अपने साथ बिठा लिया और गांव की जगह आपचंद गुफ़ाओं के पास जंगल में एक झोपड़ी में ले जाकर बंधक बना लिया जहां दो दिनों तक उसके साथ गैंगरेप किया गया. वो दरिन्दे उसे अब ज़िंदा जलाने की फ़िराक़ में थे लेकिन किसी तरह वह उनके चंगुल से भाग निकली और इस तरह से वह श्री बाई तक पहुंची.

आपगांव में परिवार के साथ रहती है श्रीबाई

श्रीबाई छोटे से गांव अपचंद गांव में अपने परिवार के साथ रहती है, बेटे बहु और पति सभी अपने छोटे से खेत में खेती कर गुज़ारा चलाते हैं, लेकिन दलित परिवार में जन्मी श्रीबाई की सोच हमेशा से महिलाओं बेटियों के हक के लिए रही है. उनके बेटे, पड़ोसी और अन्य ग्रामीण भी बताते हैं कि श्रीबाई हमेशा बेटियों की शिक्षा और उनकी सुरक्षा और उन्हें सशक्त बनाने की बात करती हैं.

दरअसल पीड़िता ने अपनी आपबीती और श्री बाई द्वारा उनको बचाने की कहानी पुलिस को सुनाएं और इस तरह से यह कहानी सागर एसपी अतुल सिंह के संज्ञान में आई और उनके द्वारा ही अनुशंसा पर श्री बाई का चयन मुख्यमंत्री द्वारा सम्मानित करने को किया गया. सम्मान के बाद श्री बाई को रोल मॉडल बनाकर असली हीरो का खिताब देते हुए जिले भर में स्कूल, कॉलेजों में लोगों को जागरूक करने के लिए किया गया.

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महिला दिवस बनाने का उद्देश्य भी शायद यही है की महिलाओं को उनका हक मिले लोग उनके अधिकार और सम्मान के प्रति जागरूक हो और किशोरियों, युवतियों और महिलाओं के साथ होने वाली हिंसा, छेड़छाड़ और यौन शोषण जैसे कलंक समाज पर लगना बंद हो. महिला दिवस पर ईटीवी भारत श्री बाई जैसे समाज के असली हीरो को सलाम करता है.

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