नई दिल्ली:अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस (International Women's Day 2023 हर साल 8 मार्च को दुनिया भर में मनाया जाता है. इस साल यह होली के दिन पड़ रहा है. जैसा कि नाम से पता चलता है, यह महिलाओं को समर्पित एक दिन है. देश की बहादुर बेटियों की बात करें तो इसकी लंबी लिस्ट है. जिन्होंने अपने कारनामों से नया मुकाम हासिल किया और अपने देश का मान-सम्मान बढ़ाकर नई पीढ़ियों को संदेश दिया है. जिसमें बिहार की साइकिल गर्ल ज्योति भी शामिल है.
15 वर्षीय ज्योति, जो अब बिहार की 'साइकिल गर्ल' के रूप में प्रसिद्ध है. दरअसल, साल 2020 में लॉकडाउन के दौरान गुरुग्राम से बिहार के दरभंगा तक 1,200 किलोमीटर साइकिल चलाकर अपने बीमार पिता को घर पहुंचाया. ज्योति के इस जज्बे ने देश में लोगों की कल्पना पर कब्जा कर लिया था. ज्योति ने अपने बीमार पिता को हरियाणा के सिकंदरपुर से दरभंगा ले जाने का फैसला करते समय घर में बचे 2,000 रुपये और पानी की एक बोतल से खरीदी गई एक सेकंड हैंड साइकिल के पास बस इतना ही था.
हालांकि उस उल्लेखनीय उपलब्धि के एक साल बाद, ज्योति ने अपने पिता को खो दिया. ज्योति के पिता मोहन पासवान एक ऑटो रिक्शा चालक के रूप में जीविकोपार्जन करते थे. जनवरी 2020 में एक दुर्घटना के बाद, पिता घर पर रहने के लिए मजबूर हो गए थे. लॉकडाउन के बार-बार बढ़ाए जाने के कारण पैसा खत्म हो रहा था, ज्योति ने देखा कि उसके पिता घर का किराया देने और रोजमर्रा के खर्चों को पूरा करने में असमर्थ हैं, उसने घर लौटने का मन बना लिया फिर एक इस्तेमाल की हुई साइकिल खरीदी और अपने बीमार पिता को पीछे बैठाकर दरभंगा जिले के सिंघवारा ब्लॉक के अंतर्गत आने वाले अपने गांव सिरहुल्ली के लिए कठिन साइकिल यात्रा शुरू की.