पेंशन से बेजुबानों की सेवा रायपुर :आज भी दुनिया में कई लोग हैं जो जानवरों के प्रति प्रेम और आदर भावना रखते हैं. राजधानी रायपुर के अवंती विहार निवासी राजीव खन्ना पेशे से रिटायर्ड एग्जीक्यूटिव इंजीनियर हैं. 65 साल की सरकारी नौकरी के बाद अब वो अपना ज्यादा समय आवारा पशुओं की सेवा में लगा रहे हैं.
पेंशन से कर रहे जानवरों की सेवा :राजीव खन्ना ने ईटीवी से बात करते हुए बताया कि " छत्तीसगढ़ मंत्रालय से मैं जून 2022 में एग्जीक्यूटिव इंजीनियर की पोस्ट से रिटायर्ड हुआ हूं. मैं करीबन 3 सालों से गायों को और कुत्तों को अपने हाथों से रोटी बना कर देता हूं. ब्रेड खिलाता हूं और बिस्किट देता हूं. मैं अपनी पेंशन के पैसे से कुत्तों और गायों के खाने के लिए सारा सामान खुद खरीदता हूं अपने हाथों से रोटी रोज सुबह बनाकर गायों को भी देता हूं."
परिवार के बारे में दी जानकारी :परिवार के बारे में जानकारी देते हुए राजीव खन्ना बताते हैं कि" मेरी धर्मपत्नी मेरे साथ रहती है मेरा एक बेटा है जो कि बेंगलुरु में जॉब करता है . मेरी एक बेटी है जो नोएडा में सेटल्ड है. मुझे यह सब करने में आत्मीय खुशी मिलती है. मेरे मन से ऐसी इच्छा हुई इसीलिए मैंने यह सब काम करना शुरू किया. इसमें मुझे किसी भी तरह का कोई भी फायदा नहीं होता है.जब मैं बिस्किट का थैला लेकर बाहर निकलता हूं. तो यह कुत्ते मुझे देखते हुए दौड़कर मेरे पास आ जाते हैं और आकर पूंछ हिलाने लगते हैं, कि पहले हमें थोड़ा प्यार दो लाड दो सहलाओ उसके बाद हम खाएंगे. तो मैं उन्हें थोड़ा सहलाकर प्यार देता हूं उसके बाद उन्हें खाने का सामान देता हूं. मैं अपनी पेंशन से रोजाना ढाई सौ से ₹300 के समान इनके लिए खरीदता हूं.महीने में मुझे 10 से 15000 के सामान खरीदने पड़ते हैं."
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बेजुबान जानवरों के लिए क्या हैं नियम :वैसे इस बेजुबान जानवरों की प्रति सहानुभूति भारतीय संविधान में भी लिखी गई है. भारतीय दंड संहिता की धारा 428 और 429 1960 के पशु क्रूरता अधिनियम के अनुसार किसी भी आवारा जानवर को किसी भी तरह का चोट पहुंचाना कानून के खिलाफ है. आवारा पशुओं को जानबूझकर लोगों के नुकसान पहुंचाने के मामले अक्सर देखे जाते हैं. इसके अलावा आवारा पशुओं को कोई भी व्यक्ति खाना खिला सकता है. इसमें किसी भी तरह का कोई भी रोक टोक नहीं है.