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Published : Dec 10, 2022, 8:59 PM IST

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ख्वाजा की नगरी में मिलती है ये खास रोटी, जिसे खाकर आप भी कहेंगे वाह क्या बात है...

ख्वाजा की नगरी अजमेर में हर दिन जायरीनों की भीड़ उमड़ती है. यहां आने वाले जायरीन ख्वाजा के दर से जाते समय अपने साथ एक खास किस्म का जायका ले जाना नहीं भूलते हैं. इसका नाम है अजमेर की शाही रोटी (Amazing Shahi Roti of Ajmer ), जिसे शाही शीरमाल भी कहते हैं. ये रोटी अपनी खासियत और जायके के कारण हर दिल अजीज बन गई है.

Khwaja Garib Nawaz, Amazing Shahi Roti of Ajmer
ख्वाजा की नगरी में मिलती है ये खास रोटी.

ख्वाजा की नगरी में मिलती है ये खास रोटी.

अजमेर.ख्वाजा गरीब नवाज की नगरी (Khwaja Garib Nawaz) अजमेर में एक खास किस्म का जायका काफी मशहूर (Amazing Shahi Roti of Ajmer) हो रहा है. ये जायका है खास किस्म की रोटी का. ड्राइ फ्रूट से फूल लोडेड और देशी घी में डूबकर निकली रोटी काफी लोकप्रिय हो चुकी है. अजमेर आने वाले जायरीन को भी यह जायका काफी पसंद आ रहा है. ईटीवी भारत आज आपको बता रहा है उस खास किस्म की रोटी के बारे में, जिसने 4 वर्षो में लोगों के दिल में जगह बना ली है. इसे शाही शीरमाल रोटी कहते हैं.

अजमेर में विश्व विख्यात सूफी संत ख्वाजा मोइनुद्दीन हसन चिश्ती की दरगाह (Dargah of Khwaja Moinuddin Hasan Chishti) में हर रोज देश और दुनियां से हजारों जायरीन आते हैं. वे यहां से आस्था के साथ कई यादें भी अपने साथ लेकर जाते हैं. इन यादों में अजमेर का जायका भी है. बीते चार वर्षो में अजमेर के जायके में एक खास किस्म की रोटी ने जगह बना ली है, जो प्रदेश में केवल यहीं मिलती है. 2019 में शाही शीरमाल रोटी का बनना अजमेर में शुरू हुआ था. उसके बाद से ही शाही शीरमाल जायरीन को काफी पसंद आने लगा है.

दरगाह आने वाले यहां जायरीन शाही शीरमाल के जायके का लुत्फ लेते हैं, बल्कि अपने परिजनों और परिचितों के लिए भी अजमेर से शाही शीरमाल रोटी अपने साथ लेकर जाते हैं. राजस्थान में यह ड्राई फ्रूट से फूल लोडेड और देशी घी में डूबकर निकली शाही शीरमाल रोटी का स्वाद चखने के बाद जायरीन हर बार अजमेर आने पर इसको खरीदना नही भूलते. शाही शीरमाल रोटी के कारोबारी का दावा है कि राजस्थान में शाही शीरमाल केवल अजमेर में ख्वाजा गरीब नवाज की दरगाह के नजदीक ही मिलती है. शाही शीरमाल रोटी की लोकप्रियता के चलते लोग अब इसको घरों में भी बनाने लगे हैं. वहीं विभिन्न प्रसंगों पर भी इस खास किस्म की रोटी को बनवाने लगे हैं.

ड्राइ फ्रूट से युक्त रोटी.

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स्वाद ऐसा कि भूलता नहींः दरगाह आने वाले ज्यादातर जायरीन के लिए शीरमाल का जायका नया अनुभव है. एक बार शीरमाल रोटी को चख लेने के बाद इसका स्वाद इसको खरीदने के लिए मजबूर कर देता है. गुजरात के राजकोट क्षेत्र से आए जायरीन दानिश बताते हैं कि वह तीसरी बार अजमेरा जियारत के लिए आए हैं. पहली बार जब वह जियारत के लिए अजमेर आए थे, तब उन्होंने पहली बार शीरमाल रोटी खाई थी. उसका स्वाद इतना पसंद आया कि वह अपने साथ भी शीरमाल रोटी लेकर गए. उन्होंने बताया कि वह जब भी अजमेर आते हैं शीरमाल रोटी खाना नहीं भूलते हैं.

दानिश ने बताया कि गुजरात में शीरमाल रोटी नहीं मिलती है. इसका स्वाद लेने के लिए अजमेर आना पड़ता है. मध्य प्रदेश के रीवा जिले के निवासी जायरीन मोहम्मद अजल शेख ने बताया कि जब भी अजमेर दरगाह आना होता है तब तब मैं शीरमाल रोटी जरूर लौटते वक्त अपने साथ ले जाता हूं. शीरमाल रोटी कई दिनों तक खराब भी नही होती. इसका स्वाद और क्वालिटी काफी अच्छी है. मध्यप्रदेश में शीरमाल रोटी कभी नही देखी, यह हल्की मीठी रोटी है. इसमें ड्राई फ्रूट्स भी होते है जो सेहत के लिए काफी अच्छे होते हैं.

ड्राइ फ्रूट से फूल लोडेड और देशी घी में डूबकर निकली रोटी.

शाही शीरमाल के इतिहास को लेकर कई बातेंःशाही शीरमाल रोटी के इतिहास को लेकर जितने मुंह उतनी बाते हैं. कोई मेरठ तो कोई लखनऊ और तो और कोई अरब में शीरमाल रोटी के ईजाद होने की बात करता है. बताया जाता है कि लखनऊ में एक रेस्टोरेंट में निहारी काफी मशहूर थी, उस रेस्टोरेंट के रसोइए ने निहारी के साथ खाने के लिए यह खास किस्म की रोटी बनाई जो लोगो को काफी पसंद आई. इस खास किस्म की रोटी को शाही शीरमाल का नाम दिया गया. बाद में शाही शीरमाल में जरूरत और स्वाद के अनुसार तब्दीलियां होती रही.

अजमेर में शाही शीरमाल 4 वर्ष पहले दिल्ली से आया. दिल्ली में शाही शीरमाल कई वर्षों से बनता आ रहा है. वहीं से एक युवक ने अजमेर में दुकान खोलकर दरगाह आने वाले जायरीन को शाही शीरमाल का स्वाद चखाया. दुकान के संचालक मोहम्मद सालिम अंसारी बताते हैं कि शाही शीरमाल रोटी अरब में ईजाद की गई थी. उन्होंने बताया कि 25 वर्ष पहले मेरठ में पहली बार इसको बनाया गया था. उन्होंने बताया कि सादा शीरमाल रोटी, दो तरह की ड्राई फ्रूट से भरी शीरमाल और एक सफेद तिल से बनी शीरमाल रोटी बनाई जाती है. इसमें मैदा दूध, देशी घी, शक्कर, मेवे और कुछ मसाले हैं. खाने में इसका स्वाद हल्का मीठा है.

शाही शीरमाल को तंदूर पर सेंका जाता और उसके बाद उसे देशी घी में डुबोया जाता है. सालिम अंसारी बताते हैं कि दरगाह में देश और दुनिया से जायरीन आते हैं. उनके साथ शाही शीरमाल का स्वाद उनके शहर और राज्यों तक पहुंचता है. उन्होंने बताया कि एक दिन में 1500 से दो हजार के लगभग शाही शीरमाल की बिक्री हो जाती है. एक प्लेन शीरमाल 50 रुपए, ड्राई फ्रूट्स मिक्स शाही शीरमाल 120 रुपए एवं सफेद तील मिक्स शाही शीरमाल रोटी 60 रुपए प्रति रोटी की कीमत होती है.

चख लिया तो दिल मांगे औरःशाही शीरमाल रोटी का स्वाद ही ऐसा है कि एक बार चख लिया तो दिल कहेगा और चाहिए. संचालक का काम है लोगों को बुलाना और उन्हें मुफ्त में शाही शीरमाल रोटी चखाना. उसके बाद लोग खुद ब खुद शाही शीरमाल खाने के साथ अपने पैक करवाकर ले जाते है.

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