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जिसको शहाबुद्दीन ने पटक-पटक कर मारा था, उसी ने उसकी पत्नी हिना को दो बार हराया

एक समय था कि जब सीवान में मोहम्मद शाहबुद्दीन को कोई चुनौती नहीं देता था. यही नहीं, चुनाव में उसके खिलाफ ताल ठोकने से भी लोग कतराते थे लेकिन एक शख्स ऐसा भी है, जो उसे चुनौती देता था और लड़ता भी था. हां, इसके लिए उसे कई बार कीमत भी चुकानी पड़ी. पढ़ें पूरी खबर...

Shahabuddin om prakash
Shahabuddin om prakash

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Published : May 1, 2021, 4:03 PM IST

पटना :आरजेडी के पूर्व सांसद और बाहुबली नेता मोहम्मद शाहबुद्दीन की शनिवार की सुबह कोरोना से मौत हो गई. बिहार के सीवान संसदीय सीट से सांसद रह चुके शाहबुद्दीन ने दिल्ली के एक अस्पताल में अंतिम सांस ली.

गौरतलब है कि शाहबुद्दीन तिहाड़ जेल में सजा काट रहे थे. इसी बीच वो कोरोना संक्रमित हुए, जिसके बाद उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां शनिवार की सुबह उसकी मौत हो गई.

दरअसल, अपहरण और हत्या के मामले में शहाबुद्दीन को साल 2007 में आजीवन कारावास की सजा हुई थी. सजा मिलने के बाद चुनाव आयोग ने उसके चुनाव लड़ने पर प्रतिबंध लगा दिया. यही कारण है कि 2009 लोकसभा चुनाव में वह नहीं लड़ सका.

आरजेडी ने शहाबुद्दीन की पत्नी हीना शहाब को दिया टिकट
इसके बाद आरजेडी ने 2009 और 2014 में शहाबुद्दीन की पत्नी हीना शहाब को टिकट दिया, पर निर्दलीय ओम प्रकाश यादव ने 2009 में उन्हें करीब 60 हजार वोटों से हरा दिया था. इसके बाद साल 2014 में बीजेपी के टिकट पर ओम प्रकाश ने 1 लाख से भी ज्यादा वोटों से हीना को हरा दिया. बताया जाता है कि ओम प्रकाश को कभी शहाबुद्दीन ने सरेआम पटक-पटक कर पीटा था.

कौन हैं शहाबुद्दीन की पत्नी
जानकारी के अनुसार, शहाबुद्दीन की पत्नी हिना शहाब का जन्म 1976 में हुआ था. हिना ने सिवान के कॉलेज से ग्रेजुएशन किया है. बताया जाता है कि कॉलेज में हिना अकेली ऐसी लड़की थी जो बुर्का पहन कर पढ़ने आती थीं. ग्रेजुएशन की पढ़ाई के बाद ही हिना की शादी शहाबुद्दीन से हो गई थी.

शहाबुद्दीन ने कॉलेज से ही अपराध और राजनीति में कदम रख दिया था
शहाबुद्दीन एक ऐसा नाम है जिसे बिहार में हर कोई जानता है. मोहम्मद शहाबुद्दीन का जन्म 10 मई 1967 को सीवान जिले के प्रतापपुर में हुआ था. उसने अपनी शिक्षा बिहार से ही पूरी की थी. शहाबुद्दीन ने राजनीति में एमए और पीएचडी की थी. शहाबुद्दीन ने कॉलेज से ही अपराध और राजनीति की दुनिया में कदम रखा था.

एक थप्पड़ से बन गया सीवान का 'साहब'
बताया जाता है कि शहाबुद्दीन ने साल 1980 में डीएवी कॉलेज से सियासत में कदम रख था, उस वक्त शहाबुद्दीन ने माकपा व भाकपा के खिलाफ जमकर लोहा लिया था. इसके बाद सीवान में उसकी पहचान दबंग राजनेता के तौर पर होने लगी. शहाबुद्दीन पर पहली बार 1986 में हुसैनगंज थाने में पहला आपराधिक केस दर्ज हुआ था. इसके बाद तो मामले दर्ज होते चले गए.

पढ़ें :-आरजेडी के बाहुबली नेता शहाबुद्दीन का कोरोना से निधन

कहा जाता है कि सीवान में कानून का राज नहीं बल्कि शहाबुद्दीन का शासन चलता था. बता दें कि 15 मार्च 2001 में ही पुलिस जब राजद के एक नेता के खिलाफ एक वारंट पर गिरफ्तारी करने दारोगा राय कॉलेज में पहुंची तो शहाबुद्दीन ने गिरफ्तार करने आए अधिकारी संजीव कुमार को ही थप्पड़ मार दिया था. इसके बाद शहाबुद्दीन को सहयोगियों ने पुलिस वालों की जमकर पिटाई कर दी थी. इसके बाद बिहार पुलिस ने शहाबुद्दीन पर कार्रवाई की कोशिश में उनके प्रतापपुर वाले घर पर छापेमारी की, लेकिन अंजाम बेहद ही दुखद रहा था.

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