नई दिल्ली: केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने मंगलवार को कहा कि केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (सीडीएससीओ) और राज्य लाइसेंसिंग प्राधिकरण (एसएलए) ने विभिन्न कंपनियों के कफ-सिरप में मिलावट पाए जाने के बाद 40 मामलों में उत्पादन रोकने, 66 मामलों में उत्पाद लाइसेंस रद्द करने और निलंबित करने का आदेश जारी किए हैं.
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया ने लोकसभा में एक लिखित उत्तर में कहा, 'केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (सीडीएससीओ) ने एसएलए के साथ मिलकर 162 फार्मास्युटिकल फर्मों का जोखिम-आधारित निरीक्षण किया है. निष्कर्षों के आधार पर औषधि नियम 1945 के प्रावधान के तहत 143 मामलों में कारण बताओ नोटिस जारी किए गए हैं. अब तक 40 मामलों में उत्पादन रोकने का आदेश जारी किए गए हैं, 66 मामलों में उत्पाद लाइसेंस रद्द और निलंबित किए गए हैं. 21 मामलों में चेतावनी पत्र जारी किया गया है और एक मामले में एफआईआर दर्ज की गई है और तीन लोगों को गिरफ्तार किया गया है.
वह कांग्रेस सांसद विवेक रांखा द्वारा देश में निर्मित कफ-सिरप से दुनिया भर में हुई सैकड़ों शिशुओं की मौत के बाद भारत सरकार द्वारा उठाए गए कदमों पर उठाए गए सवाल का जवाब दे रहे थे. मंडाविया ने आगे कहा कि वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय के तहत विदेश व्यापार महानिदेशालय ने कफ सिरप की निर्यात नीति में संशोधन के लिए इस साल 22 मई को एक अधिसूचना (संख्या 06/2023) जारी की है, जिससे कफ सिरप निर्माताओं के लिए इसे अनिवार्य बना दिया गया है. एक जून से प्रभावी अपने उत्पादों को निर्यात करने से पहले सरकार द्वारा अनुमोदित प्रयोगशाला से विश्लेषण का प्रमाण पत्र प्राप्त करना होगा.