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आधुनिक चिकित्सा प्रणालियों के खिलाफ भ्रामक विज्ञापन बंद करे पतंजलि : सुप्रीम कोर्ट - भ्रामक विज्ञापन बंद करे पतंजलि

सुप्रीम कोर्ट ने पतंजलि आयुर्वेद को निर्देश दिया है कि वह आधुनिक चिकित्सा प्रणालियों के खिलाफ भ्रामक प्रचार बंद करे. शीर्ष कोर्ट इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) की ओर से दायर याचिका पर सुनवाई कर रही थी. SC to Patanjali Ayurved, Stop misleading advertisements, advertisements against modern medicine systems.

SC to Patanjali Ayurved
सुप्रीम कोर्ट

By ETV Bharat Hindi Team

Published : Nov 21, 2023, 8:07 PM IST

नई दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने मंगलवार को एलोपैथी जैसी आधुनिक चिकित्सा प्रणालियों के खिलाफ भ्रामक दावों और विज्ञापनों के मामले में पतंजलि आयुर्वेद को फटकार लगाई.

न्यायमूर्ति अहसानुद्दीन अमानुल्लाह और न्यायमूर्ति प्रशांत कुमार मिश्रा की पीठ इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) द्वारा दायर एक याचिका पर सुनवाई कर रही थी, जो पिछले साल दायर की गई थी. सुनवाई के दौरान शीर्ष अदालत ने बाबा रामदेव द्वारा सह-स्थापित कंपनी को कड़ी चेतावनी जारी की और इस बात पर जोर दिया कि पतंजलि आयुर्वेद के सभी भ्रामक विज्ञापनों को तुरंत बंद करना होगा.

पीठ ने कहा कि वह इस मुद्दे को 'एलोपैथी बनाम आयुर्वेद' की बहस बनाने की इच्छुक नहीं है, बल्कि भ्रामक चिकित्सा विज्ञापनों की समस्या का वास्तविक समाधान ढूंढना चाहती है.

पीठ ने कहा कि वह इस मामले को बहुत गंभीरता से ले रही है और वह एक करोड़ रुपये की सीमा तक जुर्माना लगाने पर भी विचार कर सकती है. शीर्ष अदालत ने निर्देश दिया कि पतंजलि आयुर्वेद भविष्य में ऐसा कोई विज्ञापन प्रकाशित नहीं करेगा, और यह भी सुनिश्चित करेगा कि मीडिया में उसके द्वारा आकस्मिक बयान न दिए जाएं.

शीर्ष अदालत ने केंद्र के वकील से कहा कि सरकार को समस्या से निपटने के लिए एक व्यवहार्य समाधान खोजना होगा और मामले की अगली सुनवाई 5 फरवरी, 2024 को निर्धारित की.

अगस्त 2022 में शीर्ष अदालत ने एलोपैथी जैसी आधुनिक चिकित्सा प्रणालियों पर अपमानजनक टिप्पणियों के लिए योग गुरु बाबा रामदेव की आलोचना की थी. तत्कालीन मुख्य न्यायाधीश एन वी रमना की अगुवाई वाली पीठ ने कहा कि वह आयुर्वेद को लोकप्रिय बनाने के लिए अभियान चला सकते हैं, लेकिन उन्हें अन्य चिकित्सा प्रणालियों की आलोचना नहीं करनी चाहिए.

सीजेआई ने पूछा, 'एलोपैथी डॉक्टरों पर आरोप क्यों लगा रहे हैं बाबा रामदेव? उन्होंने योग को लोकप्रिय बनाया. अच्छा, लेकिन उन्हें अन्य व्यवस्थाओं की आलोचना नहीं करनी चाहिए. इस बात की क्या गारंटी है कि वह जो करेंगे उससे सब कुछ ठीक हो जाएगा? आईएमए द्वारा दायर याचिका में एलोपैथिक दवाओं, उनके डॉक्टरों और कोविड-19 टीकाकरण के खिलाफ चलाए गए अभियान का हवाला दिया गया है.

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