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उमा ने सुनाया लालू से जुड़ा किस्सा, कहा- मेरे सामने IAS को थमाया पीकदान - Uma again clarified on the statement of bureaucracy

ब्यूरोक्रेट्स वाले बयान पर उमा (Uma Bharti) ने फिर दी सफाई. बयान पर दुख जाहिर करते हुए ब्यूरोक्रेट्स को नसीहत दी, साथ ही कई सारे किस्से भी सुनाए.

उमा लालू
उमा लालू

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Published : Sep 22, 2021, 2:50 PM IST

भोपाल। ब्यूरोक्रेट्स वाले बयान पर चौतरफा घिरी उमा भारती लगातार सफाई देने में व्यस्त है. मंगलवार को फिर से उमा भारती (Uma Bharti) ने अपनी सफाई पेश करते हुए कई सारे ट्वीट कर डाले. इन ट्वीट में उमा भारती ने अपने बयान पर सफाई तो दी ही, साथ ही कई सारे किस्से भी बताए.

उमा ने किए कई सारे ट्वीट, सफाई दी और किस्से सुनाए

अपने ट्वीट में उमा भारती ने अपने केन्द्रीय मंत्री बनने, फिर मुख्यमंत्री बनने और पार्टी से निकाले जाने के दौरान बदले अधिकारियों के बदलाव के बारे में बात की. इन ट्वीट में उमा भारती ने बिहार के पूर्व सीएम लालू यादव के बारे में कुछ ट्वीट किए हैं, जो अब चर्चा में है.

लालू ने पीकदान में थूका और वरिष्ठ IAS को दे दिया

उमा ने बताया कि "साल 2000 में जब मैं केंद्र में पर्यटन मंत्री थी, तब बिहार में वहां की मुख्यमंत्री राबड़ीदेवी (Rabri Devi) और उनके पति लालू यादव (Lalu yadav) के साथ मेरा पटना से बोधगया हेलिकॉप्टर से जाने का दौरा हुआ. हेलिकॉप्टर में हमारे सामने की सीट पर बिहार राज्य के एक वरिष्ठ आईएएस अधिकारी भी बैठे हुए थे. लालू यादव ने मेरे ही सामने अपने पीकदान में थूका और उस वरिष्ठ आईएएस अधिकारी के हाथ में थमाकर उसको खिड़की के बगल में नीचे रखने को कहा और उस अधिकारी ने ऐसा कर भी दिया."

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बिहार में पीकदान को मुद्दा बनाया

उमा ने आगे लिखा कि "इसलिए 2005-06 में जब मुझे बिहार का प्रभारी बनाया गया और बिहार के पिछड़ेपन के साथ मैंने पीकदान को भी मुद्दा बनाया और पूरे बिहार के प्रशासनिक अधिकारियों से अपील की. आज आप इनका पीकदान उठाते हो, कल हमारा भी उठाना पड़ेगा. अपनी गरिमा को ध्यान में रखो तथा पीकदान की जगह फाइल और कलमदान से चलो."

ब्यूरोक्रेट्स को दी नसीहत

इन ट्वीट में उमा ने कई और किस्सों का भी जिक्र किया है. जैसे सीएम बनने के बाद अधिकारियों का उनके प्रति कैसा व्यवहार था और सीएम पद से हटने के बाद और पार्टी से निकाले जाने के बाद अधिकारी किस तरह से उनसे कन्नी काटते थे. उमा भारती ने ब्यूरोक्रेट्स को नसीहद दी कि "वें निकम्मे और सत्तारुढ़ नेताओं से दूर रहें."

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