मुंबई : असम राइफल्स के महानिदेशक लेफ्टिनेंट जनरल प्रदीप चंद्रन नायर ने कहा कि पूर्वोत्तर भारत में बीते पांच साल में उग्रवाद कम हुआ है, लेकिन प्रतिबंधित वस्तुओं की तस्करी में वृद्धि देखी गई है.
लेफ्टिनेंट जनरल नायर ने कहा, 'पिछले साल, असम राइफल्स ने 876 करोड़ रुपये की प्रतिबंधित वस्तुओं को जब्त किया था, जो 2019 की तुलना में 61 प्रतिशत अधिक है. 2019 में 544 करोड़ रुपये की प्रतिबंधित सामग्री जब्त की गई थी.'
उन्होंने कहा, 'इस साल 31 जुलाई तक ही यह आंकड़ा 751 करोड़ रुपये तक पहुंच गया है. चौंकाने वाली बात यह है कि कोरोना वायरस महामारी के बावजूद प्रतिबंधित पदार्थों की तस्करी में वृद्धि हुई है.'
उन्होंने हाल ही में तमिलनाडु के वेलिंगटन में डिफेंस सर्विसेज स्टाफ कॉलेज के अधिकारियों को संबोधित करते हुए सीमा प्रबंधन और मणिपुर, नागालैंड, अरुणाचल प्रदेश और असम में उग्रवाद से निपटने में असम राइफल्स के सामने आने वाली चुनौतियों पर ध्यान दिलाया है.
उन्होंने कहा कि असम राइफल्स इस समय कई चुनौतियों का सामना कर रही है, जिनमें भारत-म्यांमा सीमा पर कठिन क्षेत्रीय स्थिति, पुलिस थानों का अभाव जैसी चुनौतियां शामिल हैं. इसके अलावा असम राइफल्स को पुलिस शक्तियों के अभाव की चुनौती का भी सामना करना पड़ता है.
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पुलिस शक्तियों के बिना असम राइफल्स के केवल सीमा रक्षक बल है. साथ ही उसे जातीय निष्ठा और खुली सीमा जैसी दिक्कतों का भी सामना करना पड़ता है.