जम्मू: पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने शनिवार को कहा कि 10 दिन पहले यहां दो मकानों में मृत पाए गए एक परिवार के पांच सदस्यों समेत छह लोगों की अत्यधिक मात्रा में दवा का सेवन करने के कारण मौत हुई थी और उन्होंने अपनी जान लेने के लिए ही ऐसा करने का फैसला किया था. जम्मू के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक चंदन कोहली ने यहां पत्रकारों को बताया कि ऐसा माना जा रहा है कि नूर-उल-हबीब ने परिवार के पांच सदस्यों एक बुजुर्ग महिला, उसकी दिव्यांग बेटी तथा बेटे, एक और बेटी तथा एक रिश्तेदार को आत्महत्या करने के लिए राजी कर लिया क्योंकि दोनों परिवार अदालत में लंबित मुकदमों और चिकित्सा वजहों से तनाव में थे.
उन्होंने कहा कि एक स्वास्थ्य कर्मी तथा एक प्लंबर को पुलिस को समय पर सूचना न देने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है. अगर उन्होंने समय पर सूचना दी होती तो इन लोगों की जान बचाई जा सकती थी. अधिकारी ने सिधरा के तवी विहार इलाके में 17 अगस्त को रहस्यमयी परिस्थितियों में हुई इन मौतों की गुत्थी सुलझाने के लिए गठित की गयी चार सदस्यीय विशेष जांच दल की उनकी कड़ी मेहनत तथा पेशेवर जांच के लिए तारीफ की.
कोहली ने कहा, 'हमारी जांच के अनुसार हबीब 1997 में जम्मू आया था. वह अपनी पड़ोसी सकीना की वित्तीय मदद करता था जो उसके घर पर घरेलू सहायिका के तौर पर काम करती थी. डोडा जिले की रहने वाली सकीना कई अदालती मुकदमों का सामना कर रही थी और उसके दो बच्चे दिव्यांग थे.' उन्होंने बताया कि अगस्त के पहले सप्ताह में अदालत में एक मुकदमे के लिए पेश होने के बाद हबीब ने सकीना, उसकी बेटी रुबीना तथा रिश्तेदार सज्जाद अली को अपनी जिंदगी खत्म करने के लिए राजी कर लिया.
पुलिस ने चार शव 17 अगस्त को हबीब के घर से बरामद किए जबकि सकीना के दिव्यांग बच्चों जफर सलीम और नसीमा के शव उनके घर में बरामद किए गए. श्रीनगर की रहने वाली हबीब की बहन शहजादा ने पुलिस को सूचित किया था कि उसका भाई फोन नहीं उठा रहा है. कोहली ने कहा, 'शवों को जीएमसी अस्पताल ले जाया गया, जहां एक मजिस्ट्रेट की मौजूदगी में चिकित्सकों के एक बोर्ड ने पोस्टमार्टम किया और इस प्रक्रिया की वीडियोग्राफी की गयी. विसरा नमूने एक फॉरेंसिक विज्ञान प्रयोगशाला में रासायनिक जांच के लिए भेजे गए.