नई दिल्ली : ऐसे में जब ई. श्रीधरन ने भाजपा में शामिल होने का फैसला करके राजनीतिक अखाड़े में उतरने की घोषणा कर दी है तो कांग्रेस के वरिष्ठ नेता शशि थरूर का कहना है कि केरल के आगामी विधानसभा चुनाव पर इस टेक्नोक्रेट का प्रभाव न्यूनतम होने की संभावना है.
थरूर ने रविवार को इसके साथ ही इस बात पर भी जोर दिया कि भाजपा केरल की कुछ सीटों को छोड़कर इस चुनाव में एक गंभीर दावेदार नहीं है.
थरूर ने यह भी कहा कि भाजपा के लिए 2016 के राज्य विधानसभा चुनाव में एक सीट जीतने के अपने प्रदर्शन में सुधार करना बहुत मुश्किल होगा और केरल चुनाव पर श्रीधरन का सबसे महत्वपूर्ण प्रभाव उनके भाजपा में शामिल होने की घोषणा होगा.
थरूर ने पीटीआई-भाषा के साथ एक साक्षात्कार में कहा कि वह इस घोषणा पर आश्चर्यचकित थे कि श्रीधरन राजनीति के अखाड़े में उतरने और भाजपा में शामिल होने जा रहे हैं.
उन्होंने कहा कि श्रीधरन का प्रवेश उनके लिए एक आश्चर्य के तौर पर सामने आया है क्योंकि टेक्नोक्रेट ने अपना लंबा समय इंजीनियरिंग परियोजनाओं को अंजाम देने में बिताया है, लोकतंत्र में नीतियों को बनाने या लागू करने में नहीं. उन्होंने कहा कि यह एक बहुत ही अलग दुनिया है.
यह पूछे जाने पर कि केरल विधानसभा चुनावों में श्रीधरन का क्या प्रभाव पड़ सकता है, तिरुवनंतपुरम से सांसद थरूर ने कहा कि चूंकि उनकी कोई राजनीतिक पृष्ठभूमि या अनुभव नहीं है, मुझे लगता है कि उनका प्रभाव न्यूनतम होगा.
थरूर ने कहा कि जब मैं 53 साल की उम्र में राजनीति में आया, तो मैंने महसूस किया कि मैं जिस तरह के प्रभाव में सक्षम हूं उसके लिए मैंने बहुत देर कर दी थी. मैं ऐसे व्यक्ति के बारे में क्या कह सकता हूं जो 88 साल का हो? ट
इस सवाल पर कि क्या श्रीधरन का प्रवेश केरल के चुनावों को तीन तरफा मुकाबला बनाएगा और एलडीएफ और यूडीएफ के साथ-साथ भाजपा एक गंभीर दावेदार के रूप में उभरेगी, उन्होंने कहा कि भाजपा मुट्ठी भर सीटों को छोड़कर कोई गंभीर दावेदार नहीं है और पिछली बार जीती हुई एक सीट के प्रदर्शन में सुधार करना पार्टी के लिए बहुत मुश्किल होगा.
64 वर्षीय पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा कि (श्रीधरन के) प्रभाव का सबसे महत्वपूर्ण हिस्सा खुद ही यह घोषणा होगी.
श्रीधरन ने हाल ही में घोषणा की थी कि वह भाजपा में शामिल होकर राजनीति के मैदान में उतरेंगे. उन्होंने पिछले सप्ताह पीटीआई-भाषा से कहा था कि अगर भाजपा चाहे तो वह विधानसभा चुनाव लड़ेंगे और यदि पार्टी कहे तो वह मुख्यमंत्री पद के लिए भी तैयार हैं.
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