नई दिल्ली :यूपी के मेरठ से गिरफ्तार मौलाना कलीम सिद्दीकी के धर्मांतरण रैकेट पर विश्व हिंदू परिषद ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है. 64 साल के एक मौलवी को आतंकवाद निरोधी दस्ते ने बुधवार को गिरफ्तार किया था.
मौलाना कलीम सिद्दीकी की गिरफ्तारी उसी सिलसिले में की गई है, जिसके तहत उमर गौतम को 1000 से अधिक लोगों के अवैध धर्मांतरण में शामिल होने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था.
विश्व हिंदू परिषद के राष्ट्रीय प्रवक्ता विजय शंकर तिवारी ईटीवी भारत से बात करते हुए वीएचपी नेता विजय शंकर तिवारी ने कहा कि मुगलों के हमारे देश में आने के बाद से ही जबरन धर्मांतरण की यह व्यवस्था चल रही है. आज हमारे देश में कुछ ही मुसलमान हैं जो वास्तव में अरब देशों से आए हैं, बाकी सभी हिंदू हैं जिन्हें उस समय जबरन इस्लाम में परिवर्तित किया गया था.
यह आजादी से पहले और आजादी के बाद भी जारी रहा. आज फर्क सिर्फ इतना है कि इन घटनाओं और सांठगांठ को उजागर किया जा रहा है. विहिप अवैध धर्मांतरण के खिलाफ एक कड़े केंद्रीय कानून की मांग करती रही है. संगठन द्वारा जन जागरूकता अभियान भी चलाए गए हैं लेकिन धर्मांतरण की घटनाएं सामने आती रहती हैं.
उठाए जा रहे कदमों की बात करते हुए विहिप नेता ने यूपी सरकार के प्रयासों की सराहना की. उन्होंने कहा कि धर्मांतरण हमेशा से था लेकिन इस तरह की सांठगांठ और लोग राज्य और केंद्र में सरकार बदलने के बाद ही उजागर हो रहे हैं.
मध्य प्रदेश के मिनाक्षीपुरम से सामने आए धर्मांतरण की पहली घटना की याद दिलाते हुए तिवारी ने कहा कि उस घटना से पहले लोगों को इस बात की जानकारी नहीं थी कि धर्म परिवर्तन जैसी चीज मौजूद है. वे अलग-अलग तरीकों से लोगों को निशाना बनाते हैं.
यह लव जिहाद, भूमि जिहाद के माध्यम से हो सकता है और जरूरतमंदों को इस शर्त के साथ मदद की पेशकश की जाती है कि वे धर्मांतरण करें. न केवल मुसलमान बल्कि ईसाई भी ऐसी प्रथाओं में शामिल हैं, जहां वे या तो जबरदस्ती करते हैं या लालच के माध्यम से धर्मांतरण कराते हैं.
इस मुद्दे पर अंकुश लगाने के लिए विहिप द्वारा उठाए जा रहे कदमों के बारे में बात करते हुए तिवारी ने कहा कि हिंदू समुदाय के बीच जन जागरूकता और उनकी शिक्षा, कौशल विकास, सामाजिक पहचान पर काम करना और उनके मुद्दों को संबोधित कर रहे हैं ताकि वे आर्थिक रूप से स्थिर और नियोजित हो सकें. संगठन अवैध रूपांतरण रैकेट का मुकाबला करने की कोशिश कर रहा है.
तिवारी ने कहा कि हम आदिवासियों और वंचितों के उत्थान के लिए काम कर रहे हैं ताकि वे सिर्फ पैसे या किसी अन्य लालच के लिए धर्मांतरण का रास्ता न चुनें. लेकिन धमकी से भी धर्मांतरण होते हैं. वे एक लक्षित क्षेत्र में संपत्ति खरीदते हैं और फिर अपनी संख्या बढ़ाकर वहां से अपना जाल फैलाना शुरू कर देते हैं.
धीरे-धीरे वे महिलाओं को निशाना बनाना शुरू कर देते हैं और उन्हें धर्म परिवर्तन के लिए मजबूर करते हैं. ऐसी कुछ घटनाएं भी सामने आई हैं. विदेशी फंडिंग से धर्मांतरण की सांठगांठ के भी सबूत सामने आए हैं. लोगों को निशाना बनाने और उन्हें लुभाने के लिए सोशल मीडिया का इस्तेमाल भी कार्यप्रणाली का एक हिस्सा है.
उन्होंने कहा कि देश भर में गांवों और यहां तक कि छोटी कॉलोनियों में फैले सूक्ष्म स्तर पर हमारा संगठन है. हम ऐसे समूहों के बारे में अच्छी तरह से जानते हैं. जैसे ही हमें जानकारी मिलती है तो हम लोगों और प्रशासन को सतर्क करते हैं. वीएचपी हमेशा ऐसे धर्मांतरण रैकेट और लव जिहाद के खिलाफ आवाज उठाती रही है.
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हम उन्हें रोकने के लिए भी प्रयास करते हैं. विहिप प्रवक्ता के मुताबिक ऐसे लोग हैं जिन्हें बाद में अपनी गलती का एहसास होता है और वे अपने धर्म में वापस आ जाते हैं. संगठन हमेशा ऐसे लोगों का स्वागत करता है और उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करता है.