नई दिल्ली: कांग्रेस ने गुरुवार को कहा कि कर्नाटक हिजाब प्रतिबंध (Karnataka Hijab Ban) पर सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) के विभाजित फैसले से पता चलता है कि यह मुद्दा शीर्ष अदालत का ध्यान आकर्षित करता रहेगा, जबकि पार्टी कथित सामाजिक विभाजन पर पीएम मोदी से जवाब मांगती रहेगी. कांग्रेस संचार प्रभारी जयराम रमेश ने विभाजित फैसले के तुरंत बाद ट्वीट किया, 'हिजाब मामले पर सुप्रीम कोर्ट के विभाजित फैसले का मतलब है कि मामला शीर्ष अदालत का ध्यान आकर्षित करना जारी रखेगा. इस बीच, भारत जोड़ो यात्रा बढ़ती आर्थिक विषमताओं, सामाजिक ध्रुवीकरण और राजनीतिक तानाशाही पर प्रधान मंत्री से जवाबदेही मांगती रहेगी.'
कर्नाटक उच्च न्यायालय (Karnataka High Court) द्वारा राज्य सरकार द्वारा घोषित हिजाब प्रतिबंध को बरकरार रखने के बाद मामला शीर्ष अदालत में पहुंचा था. सुप्रीम कोर्ट के आदेश का मतलब है कि प्रतिबंध अभी के लिए बना हुआ है. दिलचस्प बात यह है कि शीर्ष अदालत का यह आदेश ऐसे समय आया है जब कांग्रेस की राष्ट्रव्यापी भारत जोड़ो यात्रा कर्नाटक से होकर गुजर रही है. पिछले एक साल से, कांग्रेस दक्षिणी राज्य में हिजाब प्रतिबंध पर सवाल उठा रही थी और कह रही थी कि यह मुस्लिम लड़कियों की शिक्षा को बाधित करने की एक चाल है.
एआईसीसी महासचिव एचके पाटिल (AICC General Secretary HK Patil) ने कहा कि 'वे लोगों को बांटने के लिए हिजाब, हलाल मीट और ईदगाह के मुद्दे उठाते रहे हैं. लेकिन हम तैयार हैं और हम उनके एजेंडे से लड़ेंगे.' कर्नाटक के एआईसीसी प्रभारी रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि 'वे सामाजिक सौहार्द बिगाड़ेंगे...हम इसे बहाल करेंगे. वे राजनीतिक लाभ के लिए राज्यों में लोगों को विभाजित करते हैं.' राज्य में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस यात्रा के जरिए ताकत का प्रदर्शन कर रही है.
यह राज्य सरकार के खिलाफ कथित भ्रष्टाचार घोटालों और सत्तारूढ़ भाजपा के सामाजिक रूप से विभाजनकारी कदमों पर अपने अभियान को आगे बढ़ा रही है, यह कहते हुए कि इस तरह की घटनाओं ने राज्य की छवि को आईटी हब के रूप में खराब किया है. पिछले 12 दिनों से, जब से यात्रा कर्नाटक में आई है, राहुल गांधी (Rahul Gandhi) कथित भ्रष्टाचार और विभाजनकारी राजनीति को लेकर लगातार बोम्मई सरकार पर निशाना साधते रहे हैं.