चेन्नई : तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम. के. स्टालिन (Tamil Nadu Chief Minister M K Stalin) ने शनिवार को कहा कि शिक्षा और स्वास्थ्य पर सरकार द्वारा किए गए खर्च को मुफ्त उपहार नहीं माना जा सकता और इस तरह के कदम गरीबों और हाशिये पर रहने वालों के लिए उठाये जा रहे हैं. स्टालिन ने मुफ्त उपहारों का विरोध करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर परोक्ष तौर पर निशाना साधा लेकिन कहा कि वह इसके बारे में ज्यादा बात नहीं करना चाहते क्योंकि 'यह राजनीति हो जाएगी.'
स्टालिन ने यहां अपने कोलातुर निर्वाचन क्षेत्र में अरुमिगु कपलीश्वरार कला एवं विज्ञान कॉलेज में एक कार्यक्रम में कहा कि वास्तव में उच्चतम न्यायालय ने कहा है कि मुफ्त और कल्याण योजनाएं अलग अलग हैं. उन्होंने कहा, 'शिक्षा और स्वास्थ्य पर खर्च मुफ्त उपहार नहीं हो सकता क्योंकि शिक्षा ज्ञान के बारे में है जबकि दवा स्वास्थ्य से संबंधित है. यह सरकार इन दोनों क्षेत्रों में पर्याप्त कल्याणकारी योजनाओं को लागू करना चाहती है.'
स्वास्थ्य और शिक्षा में पहलों को सूचीबद्ध करते हुए स्टालिन ने कहा, 'ये मुफ्त उपहार नहीं (बल्कि) सामाजिक कल्याण योजनाएं हैं.' उन्होंने कहा, 'ये गरीबों और हाशिये के लोगों के लाभ के लिए लागू की गई हैं.' स्टालिन ने मोदी पर परोक्ष तौर पर निशाना साधते हुए कहा, 'कुछ लोग अब इस सलाह के साथ उभरे हैं कि कोई मुफ्त उपहार नहीं होना चाहिए.' उन्होंने कहा, 'हमें इसकी परवाह नहीं है. अगर मैं ज्यादा बात करूंगा तो यह राजनीति हो जाएगी. इसलिए मैं इस बारे में ज्यादा बात नहीं करना चाहता.'