नई दिल्ली : प्रधान न्यायाधीश एन वी रमना (Chief Justice of India N V Ramana) ने बुधवार को उच्चतम न्यायालय में न्यायाधीशों की नियुक्ति (appointment of judges) के संदर्भ में कॉलेजियम की बैठक (Collegium meeting) के बारे में मीडिया में कुछ अटकलों और खबरों को बेहद दुर्भाग्यपूर्ण करार दिया.
प्रधान न्यायाधीश ने न्यायमूर्ति नवीन सिन्हा (Justice Navin Sinha) की सेवानिवृत्ति के अवसर पर आयोजित एक रस्मी कार्यक्रम में कहा कि न्यायाधीशों की नियुक्ति की प्रक्रिया पवित्र है और इसके साथ गरिमा जुड़ी हुई है तथा मीडिया को इस पवित्रता को समझना व पहचानना चाहिए.
उन्होंने कहा, 'इस अवसर पर मैं मीडिया में कुछ अटकलों और खबरों पर चिंता व्यक्त करने की स्वतंत्रता लेना चाहता हूं. आप सभी जानते हैं कि हमें इस न्यायालय में न्यायाधीशों की नियुक्ति करने की जरूरत है. यह प्रक्रिया चल रही है. बैठकें होंगी और फैसले लिए जाएंगे. न्यायाधीशों की नियुक्ति की प्रक्रिया पवित्र है और इसके साथ एक गरिमा जुड़ी हुई है. मेरे मीडिया के मित्रों को इस प्रक्रिया की पवित्रता को समझना व पहचानना चाहिए.'
प्रधान न्यायाधीश ने कहा कि एक संस्था के तौर पर शीर्ष अदालत मीडिया की स्वतंत्रता (freedom of media) और नागरिकों के अधिकारों ( rights of individuals) का बेहद सम्मान करती है और प्रक्रिया के लंबित रहने के दौरान प्रस्ताव के निष्पादन से पहले ही मीडिया के एक वर्ग में जो प्रतिबंबित हुआ वह विपरीत असर डालने वाला है.