शिमला : छोटे पहाड़ी राज्य हिमाचल ने अपने गठन से लेकर अब तक सफलता के कई आयाम छुए हैं. छोटे पहाड़ी राज्य के नाम बड़ी सफलताएं दर्ज हैं. आजादी के तुरंत बाद छोटी रियासतों को जोड़कर हिमाचल का गठन हुआ. तब प्रदेश में केवल 228 किलोमीटर सड़के थीं. अब ग्रामीण इलाकों तक सड़को का जाल बिछा है और प्रदेश में चालीस हजार किलोमीटर लंबी सड़के हैं.
हिमाचल ने पूर्ण विद्युतीकरण का लक्ष्य भी हासिल किया है
यही नहीं, हिमाचल प्रदेश ने प्रति व्यक्ति आय में भी शानदार उपलब्धि हासिल की है. हिमाचल में कोरोना संकट के बावजूद प्रति व्यक्ति आय 1,83,286 रुपए सालाना है. ये देश के बड़े राज्यों से भी अधिक है. इसी तरह हिमाचल ने पूर्ण विद्युतीकरण का लक्ष्य भी हासिल किया है. आइए, हिमाचल दिवस के मौके पर इस पहाड़ी राज्य की सफलताओं पर एक विहंगम दृष्टि डालते हैं. कोरोना संकट आने से पहले हिमाचल की प्रति व्यक्ति आय 1.95 लाख रुपए थी. ये आंकड़ा इतना शानदार था कि उस समय देश के 28 राज्यों में हिमाचल का स्थान चौथा था. फिलहाल, कोरोना काल में ये घटी है, लेकिन आने वाले समय में प्रदेश इसकी भरपाई कर लेगा.
आजादी के बाद 15 अप्रैल 1948 को हिमाचल का गठन हुआ
आजादी के बाद 15 अप्रैल 1948 को छोटी-बड़ी रियासतों को मिलाकर हिमाचल का गठन हुआ. वो समय अभावों का था. यहां विकास के नाम पर कुछ भी गर्व करने लायक नहीं था. बाद में 25 जनवरी 1971 को हिमाचल को पूर्ण राज्य का दर्जा मिला. उसके बाद से प्रदेश की तरक्की की रफ्तार बढ़ी. हिमाचल निर्माता और प्रदेश के पहले सीएम डॉ. वाईएस परमार ने हिमाचल के विकास की नींव रखी. वे सड़कों को पहाड़ की भाग्य रेखाएं कहते थे. डॉ. परमार व उनके बाद आने वाली राजनीतिक पीढ़ी ने सड़कों के विकास पर ध्यान दिया और अब प्रदेश में चालीस हजार किलोमीटर सड़कों का जाल है.
हिमाचल प्रदेश के अन्य उजले पहलू देखें तो यहां प्रति व्यक्ति डॉक्टर्स व स्वास्थ्य संस्थानों की संख्या देश में सबसे अधिक है. साथ ही प्रति व्यक्ति बैंक शाखाओं के मामले में भी हिमाचल टॉप पर है. ई-विधान प्रणाली वाला हिमाचल देश का पहला राज्य है. यहां देश की पहली ई-विधानसभा सफलता से काम कर रही है. अब बजट भी ई-विधान प्रणाली के जरिए ऑनलाइन पढ़ा जाता है. कैबिनेट की मीटिंग पेपरलेस हो रही है और साथ ही राज्य सचिवालय को भी पेपरलेस किया जा रहा है.
25 जनवरी 1971 को हिमाचल को पूर्ण राज्य का दर्जा मिला
हिमाचल प्रदेश का गठन 15 अप्रैल 1948 को हुआ था. उस समय देश रियासतों में बंटा था और यहां भी कई रियासतें थीं. छोटी-बड़ी कुल 30 रियासतों को मिलाया गया और हिमाचल का गठन हो गया. ये रियासतें 27 हजार वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में फैली थीं. हिमाचल का आगे बढ़ने का सफर रोमांचक रहा है. बाद में हिमाचल केंद्र शासित प्रदेश बना और अंतत: 25 जनवरी 1971 को इसे पूर्ण राज्य का दर्जा मिला.