देहरादून: अपराध की दुनिया में साइबर ठगों ने अपनी बादशाहत कायम कर ली है. यह बात एनसीआरबी के वो आंकड़े जाहिर करते है. जिनमें साइबर क्राइम का ग्राफ किसी पहाड़ की तरह दिखाई देता है. चिंता की बात यह है कि लॉकडाउन के बाद ऑनलाइन की तरफ जाती व्यवस्था साइबर क्राइम के लिए बड़ी मददगार साबित हो रही है, क्योंकि लॉकडाउन लगने के चलते लोगों ने खुद को डिजिटल की तरफ आगे बढ़ाया है. एक बार ठगी हुई तो आपकी मेहनत की कमाई वापस मिलना नामुमकिन है. शायद यही कारण है कि पुलिस भी साइबर क्राइम के मामले में लोगों की जागरूकता को सबसे बड़ा हथियार मानती है और लगातार लोगों को इस संदर्भ में जागरूक करने की कोशिश की जा रही है.
निजी जानकारी को सोशल मीडिया पर न करें अपलोड:एसटीएफ के एसएसपी आयुष अग्रवाल ने बताया हैं कि साइबर ठगी से बचने के लिए कुछ जरूरी बातें हैं, जिन्हें जानना बेहद जरूरी है. ठगी से बचने के लिए मोबाइल पर आने वाली ओटीपी और अपनी बैंक डिटेल को पूरी तरह से निजी रखना जरूरी है. अनजाने लिंक पर क्लिक करके आप साइबर ठगी का शिकार हो सकते हैं. उन्होंने बताया कि अनजान वीडियो कॉल पर भी सावधानी बरतने की जरूरत हैं और निजी जानकारी को सोशल मीडिया पर अपलोड करने से भी बचना चाहिए.
उत्तराखंड में कई फर्जी कॉल सेंटर का हुआ भंडाफोड़:वैसे तो देशभर में ऐसे कई हॉटस्पॉट हैं, जो साइबर क्राइम के लिहाज से बेहद संवेदनशील माने जाते हैं. जिसमें दिल्ली, हरियाणा, पश्चिम बंगाल, बिहार, झारखंड उत्तर प्रदेश और आंध्र प्रदेश राज्य के कई क्षेत्र शामिल हैं. उत्तराखंड एक शांत प्रदेश है. यहां पर भी साइबर क्राइम को पनपाने की कोशिश की गई, लेकिन पिछले कुछ समय में साइबर थाने की सजगता के चलते कई फर्जी कॉल सेंटर का समय से पहले ही भंडाफोड़ कर दिया गया है.
उत्तराखंड पुलिस ने चाइनीज गैंग का किया पर्दाफाश:अंतरराष्ट्रीय स्तर के ठगों का भी उत्तराखंड पुलिस ने खुलासा किया है. जिसमें चाइनीज गैंग का भी पर्दाफाश किया गया. बताया गया कि इस गैंग ने करीब 1500 करोड़ की देशभर में धोखाधड़ी की थी और देश का पैसा बाहर पहुंचाया था. इसमें करीब 10 लाख लोगों के साथ ठगी की गई थी. इस मामले में दूसरे राज्य में जाकर लोगों की गिरफ्तारी भी की गई थी. इसके अलावा पुलिस ने ऐसे गैंग भी पकड़े जिनके खिलाफ देशभर में करीब 148 एफआईआर दर्ज थी और 2800 से ज्यादा शिकायतें की गई थी.
साइबर क्राइम से बचने के उपाय