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फ्लैट की बालकनी को बनाएं बच्चों के लिए सुरक्षित, जानें विशेषज्ञों की राय - Balcony

दिल्ली-एनसीआर में लोग सोसायटी में रहना बेहतर समझते हैं, क्योंकि सोसायटी में सुरक्षित माहौल होता है और तमाम सुविधाएं होती हैं. लेकिन इन सोसायटियों की बालकनी सबसे असुरक्षित मानी जाती है. हाल ही में कई ऐसी घटनाएं सामने आईं, जब छोटे बच्चे और बुज़ुर्ग बेख्याली में बालकनी से नीचे गिर गए और मौत हो गई.

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Published : Oct 17, 2021, 1:56 PM IST

नई दिल्ली : दिल्ली केअपार्टमेंट ओनर्स एसोसिएशन (Appartment Owners Association-AOA) के अध्यक्ष आलोक कुमार बताते हैं कि बीते सालों में इंदिरापुरम, वैशाली, राजनगर एक्सटेंशन, क्रासिंग रिपब्लिक आदि इलाकों में कई ऐसी घटनाएं सामने आई हैं, जिसमें बेख्याली से मासूम बच्चे हाईराइज सोसायटीज की बालकॉनी से नीचे गिर गए और मौत हो गई. इस तरह की घटनाएं सामने आईं, तो मामले को विकास प्राधिकरण के समक्ष रख गया. इसको लेकर AOA की विकास प्राधिकरण के साथ कई दौर की बैठकें भी हुई हैं.

आलोक ने बताया कि उत्तर प्रदेश अपार्टमेंट एक्ट के तहत अपार्टमेंट के बाहरी हिस्से (External Structure) में किसी प्रकार का बदलाव नहीं किया जा सकता है. कई अपार्टमेंट ओनर एसोसिएशन बच्चों की सुरक्षा को मद्देनजर लोहे-प्लास्टिक आदि के ग्रिल लगाने की अनुमति दे देते हैं. जबकि, कई एसोसिएशन अपार्टमेंट एक्ट का हवाला देकर किसी प्रकार का ग्रिल आदि लगाने की अनुमति नहीं देती है. कई बार देखने को मिला है कि फ्लैट मालिकों ने बालकनी में ग्रिल लगा दी, जिसको एसोसिएशन बाद में हटवा देता है.

बच्चों की सुरक्षा को मद्देनजर रखते हुए ग्रिल आदि लगाने अनुमति देनी चाहिए

अपार्टमेंट ओनर्स एसोसिएशन को बच्चों की सुरक्षा के लिए ग्रिल आदि लगाने की अनुमति देनी चाहिए. अपार्टमेंट एक्ट के तहत एसोसिएशन जनरल बॉडी मीटिंग में बच्चों की सुरक्षा को लेकर प्रस्ताव पास कर सकती है. बोर्ड मीटिंग में पास किए गए प्रस्ताव को प्राधिकरण द्वारा मान्यता दे दी जाती है.

आमतौर पर अपार्टमेंट ओनर शिकायतें करते हैं कि एसोसिएशन बच्चों की सुरक्षा के लिए ग्रिल आदि लगाने नहीं देता है. मध्यस्थता के माध्यम से इस तरह की शिकायतों का निस्तारण कराने का प्रयास किया जाता है. हाईराइज बिल्डिंग में रहने वाले लोगों के लिए बच्चों की सुरक्षा एक बड़ा मुद्दा है, जिसको देखते हुए अपार्टमेंट एक्ट में संशोधन होना चाहिए. एसोसिएशन इस पूरे मामले को लेकर विकास प्राधिकरण को ज्ञापन के माध्यम से अवगत कराएगा.

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गाजियाबाद के फ्लैट ओनर्स फेडरेशन के अध्यक्ष कर्नल तेजेंद्र पाल त्यागी ने बताया कि बालकनी से बच्चों-बुज़ुर्गों के नीचे गिरने की घटनाएं सामने आने के बाद फेडरेशन ने संज्ञान लिया है. गाजियाबाद की सभी अपार्टमेंट एसोसिएशन और आरडब्ल्यूए को एडवाइजरी जारी की गई है. एडवाइजरी में बालकनी की रेलिंग को ऊंचा करने का सुझाव दिया गया है, जिससे बालकनी ऊंची होने से बच्चे रेलिंग तक ना पहुंच सके. एडवाइजरी में सुझाव दिया गया है कि रेलिंग के आसपास किसी तरह का कोई फर्नीचर न रखा जाए. रेलिंग से हटाकर रखे हुए फर्नीचर पर छोटे बच्चे खड़े हो जाते हैं जो कि काफी खतरनाक साबित हो सकता है. एडवाइजरी में बुजुर्गों कोई सुझाव दिया गया है कि रेलिंग पर खड़े होकर चाय आदि का सेवन यह बातचीत ना की जाए.

सिविल इंजीनियर धर्मेंद्र सिंह ने बताया कि बच्चों और बुजुर्गों की सुरक्षा को मद्देनजर रखते हुए इंतजाम होना बेहद जरूरी है. बालकनी को सुरक्षित रखने के लिए प्लास्टिक या रबड़ का जाल लगाया जा सकता है. बालकनी में लगने वाली रेलिंग के खापों में दूरी कम होनी बेहद जरूरी है. इसके साथ ही रेलिंग इस तरह से बनी होनी चाहिए कि बच्चे रेलिंग पर चढ़ ना सकें. यह सभी सुरक्षा इंतजाम बाहरी स्ट्रक्चर में बिना किसी छेड़छाड़ की किए जा सकते हैं.

एक फ्लैट के मालिक नितिन शर्मा ने बताया कि आए दिन छोटे बच्चों के बालकनी से नीचे गिरने की घटनाएं सुनने को मिलती है,जिसको देखते हुए सतर्क रहना पड़ता है. बच्चे अगर बालकनी में जाते हैं तो कोशिश करते हैं कि उनके साथ बालकनी में मौजूद रहे. बालकनी को स्टील आदि के ढांचे से ढकने की अनुमति मिलनी चाहिए.

अपर जिला अधिकारी नगर शैलेंद्र कुमार सिंह ने बताया कि इस तरह की घटनाएं प्रशासन के संज्ञान में आई हैं, जिसको ध्यान में रखकर जल्द आरडब्लूए की बैठक बुलाई जाएगी. बालकनी से बच्चों के नीचे गिरने के मामले संज्ञान में आने के बाद अधिकारियों से आरडब्लूए पदाधिकारियों को जागरूक करने के लिए निर्देशित किया गया है. आने वाली बैठक में इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए कार्यवाही सुनिश्चित की जाएगी.

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