नई दिल्ली : संसद का विशेष सत्र सोमवार से शुरू हो रहा है. जिन मुद्दों पर चर्चा होनी है, सरकार ने उसे सार्वजनिक कर दिया है. हालांकि, अभी भी इस बात को लेकर चर्चा जोरों पर है कि कहीं सरकार कोई सरप्राइज न दे दे. यानि वह ऐसे बिल भी ला सकती है, जिस पर विपक्षी दलों ने ठीक से विचार भी न किया हो. वैसे, सरकार ने साफ कर दिया है कि पहले दिन संविधान सभा से लेकर संसद बनने की 75 साल की यात्रा पर चर्चा होगी.
विशेष सत्र पांच दिनों का होगा. जो जानकारी दी गई है उसके अनुसार इस सत्र में चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति से लेकर संसद के 75 साल के सफर पर विशेष चर्चा की जाएगी. कुल चार विधेयकों पर विचार किया जाएगा. सत्र की शुरुआत से ठीक एक दिन पहले नए संसद के प्रांगण में उप-राष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने राष्ट्रीय ध्वज फहराया. इस मौके पर विपक्षी नेता भी मौजूद थे. हालांकि, मल्लिकार्जुन खड़गे, सोनिया गांधी और राहुल गांधी नदारद रहे. इसको लेकर जब अधीर रंजन चौधरी से सवाल किया गया तो उन्होंने कहा कि जो सामने हैं, उसकी चर्चा कीजिए, अगर आपको दिक्कत है, तो हम भी चले जाएंगे.
विशेष सत्र की शुरुआत संविधान सभा के 75 साल होने पर चर्चा को लेकर है. मुख्य निर्वाचन आयुक्त और अन्य निर्वाचन आयुक्तों की नियुक्ति किस तरह से हो, इस पर काफी लंबे समय से चर्चा चल रही है. सरकार इस पर बिल लाएगी. सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले की सुनवाई के दौरान कहा था कि मुख्य निर्वाचन आयुक्त की नियुक्ति को लेकर थोड़ी भ्रम की स्थिति है. कोर्ट ने कहा था कि सरकार को इस पर कानून बनाकर स्थिति साफ कर देनी चाहिए. डाकघर विधेयक को कार्यसूची में शामिल किया गया है.
वैसे, आपको बता दें कि संसद के विशेष सत्र में सरकार को विशेषाधिकार प्राप्त है कि वह किसी भी विषय पर बिल ला सकती है, भले ही वह सूचीबद्ध हो या न हो. इन्हीं चर्चाओं के बीच महिला आरक्षण विधेयक को लेकर भी बहस छिड़ चुकी है. कांग्रेस ने फिर से मांग की है कि सरकार महिला आरक्षण विधेयक लेकर आए.
चर्चा यह है कि मंगलवार से नए संसद भवन में कामकाज शिफ्ट हो सकता है. आधिकारिक रूप से इस पर कोई बयान नहीं दिया गया है. संसद के कर्मचारियों के नए ड्रेस की घोषणा हो चुकी है. संसद के कर्मचारियों के एक वर्ग के लिए फूल की आकृति वाली ड्रेस कोड है. इस पर भी कांग्रेस ने विवाद खड़ा किया है. पार्टी ने इसे सस्ती रणनीति करार दिया है.
क्या यह संसद का विशेष सत्र है, इसके जवाब में संसदीय कार्यमंत्री प्रह्लाद जोशी ने कहा था कि यह नियमित सत्र वर्तमान लोकसभा का 13वां सत्र है. कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने कहा कि एजेंडा में कुछ भी नहीं है और जो विषय शामिल किए गए हैं, उसे शीतकालीन सत्र में भी शामिल किया जा सकता था, मुझे लगता है कि इसके पीछे कुछ और ही रणनीति है.
सर्वदलीय बैठक - विशेष सत्र की शुरुआत होने से ठीक एक दिन पहले सर्वदलीय बैठक हुई. इस बैठक में कई दलों ने महिला आरक्षण बिल को लेकर सरकार से इसे लाने की अपील की. कांग्रेस नेता प्रमोद तिवारी ने कहा कि उन्होंने महंगाई, बेरोजगारी, मणिपुर और सोशल संघर्ष को लेकर चर्चा कराए जाने की मांग की. सरकार की ओर से संसदीय कार्यमंत्री प्रह्लाद जोशी, राजनाथ सिंह, पीयूष गोयल मौजूद थे. बैठक में कांग्रेस के अधीर रंजन चौधरी, जेडीएस से एचडी देवेगौड़ा, डीएमके से कनिमोझी, टीएमसी के डेरेक ओ ब्रायन, आप के संजय सिंह, बीजद के सस्मित पात्रा, मनोज झा, जदयू के अनिल हेगड़े, सपा के रामगोपाल यादव, टीडीपी के राम मोहन नायडू और बीआरएस के केशव राव ने हिस्सा लिया.
तेदेपा ने नायडू की अवैध गिरफ्तारी का मुद्दा उठाया-तेलुगू देशम पार्टी (तेदेपा) ने सरकार द्वारा बुलाई गई सर्वदलीय बैठक में अपने नेता चंद्रबाबू नायडू की गिरफ्तारी का मुद्दा उठाया और कहा कि वह इस मामले को संसद में भी उठाएगी. पांच दिवसीय संसद सत्र शुरू होने से एक दिन पहले आयोजित बैठक के बाद तेदेपा सांसद राममोहन नायडू ने कहा कि उनकी पार्टी ने चंद्रबाबू की अवैध गिरफ्तारी का मुद्दा उठाया. उन्होंने कहा, 'हम इस मुद्दे को संसद में भी उठाएंगे.'
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