एर्नाकुलम:विशेष एनआईए अदालत ने केरल में 2010 के सनसनीखेज मामला कॉलेज प्रोफेसर के हाथ काटने के मामले में मुकदमे के दूसरे चरण में दोषी पाए गए लोगों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई. तीन आरोपियों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई. दूसरे आरोपी साजिल, तीसरे आरोपी और पॉपुलर फ्रंट के प्रदेश नेता एमके नासर और पांचवें आरोपी नजीब को उम्रकैद की सजा सुनाई गई. साजिल पर 500,000 रुपये का जुर्माना भी लगाया गया जबकि तीन अन्य आरोपी नौशाद, मोइतीन कुंजू और अयूब को तीन साल की जेल हुई.
कोच्चि की विशेष एनआईए अदालत के जज अनिल भास्कर ने गुरुवार को दोपहर तीन बजे सजा सुनाई. एनआईए अदालत ने बुधवार को फैसला सुनाया था कि जिन ग्यारह आरोपियों पर दूसरे चरण में मुकदमा चलाया गया उनमें से छह दोषी थे. जांच टीम ने अदालत में यह रुख अपनाया कि आरोपियों ने कानूनी व्यवस्था को नीचा दिखाते हुए जो अपराध किया है, उसकी सजा पूरे समाज के लिए एक सबक के रूप में दी जानी चाहिए. अदालत ने यह भी कहा कि आरोपियों के खिलाफ यूएपीए का आरोप बरकरार रहेगा.
टीजे जोसेफ कोट्टायम जिले के थोडुपुझा न्यूमैन कॉलेज में प्रोफेसर थे. इस बात की आलोचना हुई कि मार्च 2010 में टीजे जोसेफ द्वारा तैयार आंतरिक परीक्षा के प्रश्न पत्र में पैगंबर का अपमानजनक संदर्भ था. इसके बाद आरोपियों ने कार में सवार प्रोफेसर को रोका और उनका दाहिना हाथ काट दिया.