लखनऊ : 'उमेश पाल हत्याकांड को लेकर रिमांड लेने के लिए माफिया अतीक अहमद को साबरमती जेल से प्रयागराज लाया जा रहा था. अतीक के कुनबे को डर था कि पुलिस अतीक को रास्ते में ही ढेर कर देगी, इसलिए उसके फरार बेटे असद ने झांसी के रास्ते में अतीक के काफिले में हमला करने की प्लानिंग रची थी. इसकी सूचना यूपी एसटीएफ को मिली चुकी थी. ऐसे में डिप्टी एसपी नवेंदु कुमार ने टीम गठित की और एक और साजिश को अंजाम देने से पहले ही असद और गुलाम को मार गिराया.' यह खुलासा करते हुए गुरुवार को एनकाउंटर के बाद पुलिस मुख्यालय में स्पेशल डीजी कानून व्यवस्था प्रशांत कुमार ने बताया कि वो धन्यवाद देते हैं एसटीएफ की टीम को, जिन्होंने इन अपराधियों को एनकाउंटर में ढेर किया है.
Asad Encounter : अतीक के काफिले पर हमला कर छुड़वाने की साजिश में जुटा था असद और गुलाम, STF ने नहीं दिया मौका
झांसी में गुरुवार को असद के एनकाउंटर के बाद राजधानी में पुलिस मुख्यालय में स्पेशल डीजी कानून व्यवस्था प्रशांत कुमार ने प्रेसवार्ता की. उन्होंने एसटीएफ की टीम को धन्यवाद दिया है.
स्पेशल डीजी प्रशांत कुमार ने कहा कि 'अतीक और अशरफ को छुड़ाने की सूचना मिली थी. इस पर हमने सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी थी और गुरुवार को 12:30 से 1 के बीच झांसी के बड़गांव इलाके में उमेश पाल हत्याकांड में फरार पांच-पांच लाख के इनामी असद और गुलाम को मुठभेड़ में मार गिराया.' प्रशांत कुमार ने कहा कि 'सरकार अपराधियों और माफिया को मिटाने के प्रति प्रतिबद्ध है. सरकार और प्रदेश की कानून-व्यवस्था जीरो टॉलरेंस की नीति पर काम कर रही है. आगे भी हमारी आम जान की सुरक्षा के लिए प्रतिबद्धता कायम रहेगी. उन्होंने कहा, जीरो टॉलरेंस की नीति हमेशा सार्थक परिणाम देती है, जैसा असद मामले में देखने को मिला.'
प्रशांत कुमार ने कहा, '24 फरवरी को प्रयागराज में उमेश पाल की हत्या एक बड़ी घटना थी. प्रयागराज के धूमनगंज थाना क्षेत्र में इस वारदात को अंजाम दिया गया था. उमेश पाल की हत्या बम फेंककर की गई थी. गवाह (उमेश पाल) की सुरक्षा के लिए जो पुलिस जवान थे वो भी इस वारदात में शहीद हुए. ये खुले तौर पर प्रशासन और कानून-व्यवस्था के लिए चुनौती थी. इसके लिए एक विशेष टीम गठित की, जिसके बाद कार्रवाई हुई. गुरुवार को झांसी में असद और उसके साथ गुलाम का एनकाउंटर हुआ. एनकाउंटर में दोनों लोगों की पहचान हुई. स्थानीय स्तर पर और सरकार के स्तर पर भी फरार अपराधियों पर 5-5 लाख का इनाम रखा गया था. अरमान, असद, गुड्डू और साबिर, गुलाम वारदात में शामिल थे.'
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